भारतीय सरजमीं पर अंको और आंकड़ों की दुनिया का 'ह्यूमन कैलकुलेटर' जिसका नाम नीलकंठ भानू प्रकाश है। अंको की दुनिया कितनी बड़ी है? यह गणित के चंद सवालों से ही पता चल जाता है अच्छे-अच्छों की गणित छोटे से गणितीय सवालों से बिगड़ जाती है।
वहीं दुनिया में कुछ ऐसे आंकड़ों की दुनिया के सरताज भी हैं, जो चंद पलों में अंको का हेरफेर कर हिसाब किताब करने का माद्दा रखते हैं। भारत की जमीन ऐसे ही उमंग केलकुलेटर के जन्म लेने से हे धन्य हो गई है। दुनिया भर में 'ह्यूमन कैलकुलेटर' के रूप में विख्यात होने जा रहे नीलकंठ भानू भारत के हैदराबाद से आते हैं।
मात्र 20 साल की उम्र में हैदराबाद से ताल्लुक रखने वाले नीलकंठ भानु प्रकाश ने लंदन में आयोजित 'माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड' (MSO) में मेंटल कैलकुलेशन वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत की तरफ से हिस्सा लेते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया है। विश्व विख्यात ह्यूमन कंप्यूटर शकुंतला देवी का जन्म भी भारत में ही हुआ है और ह्यूमन कैलकुलेटर के रूप में दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाले नीलकंठ भानू का नाम भी दुनिया में छा गया है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज में नीलकंठ भानु प्रकाश गणित (ऑनर्स) विषय के छात्र हैं। लिम्का बुक में 50 बार रिकॉर्ड दर्ज करा चुके भानू 4 विश्व रिकॉर्ड भी रखते हैं। नीलकंठ भानू का उद्देश्य लोगों के दिमाग से गणित को लेकर पैदा हुए डर को मिटाना है।
नीलकंठ भानू एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं जिनका उद्देश्य भी आम लोगों की तरह पढ़ाई करके नौकरी पाना और नौकरी पाकर सेटल होना था। लेकिन गणित के क्षेत्र में अच्छा कर गुजरने की चाह ने नीलकंठ भानू को वैश्विक स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई है।
मेंटल स्पोर्ट्स ओलंपियाड (MSO) कंपटीशन में करीब 13 देशों के प्रतिभागी शामिल रहे जिसमें फ्रांस, यूएई, जर्मनी जैसे देश के प्रतिभाशाली लोगों ने अपना जौहर दिखाया। 57 साल की उम्र तक के प्रतिभागियों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया।
15 अगस्त 2020 को आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता का लाइव प्रसारण भी किया गया। 13 देशों के 29 प्रतियोगियों के बीच भारत के नीलकंठ भानू प्रकाश ने अपने अंको की जादूगरी बिखेरते हुए पहली बार भारत को स्वर्ण पदक दिलाया।
साल 1998 में मेंटल स्पोर्ट्स ओलंपियाड MSO प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। तब से निरंतर इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। भारत के नीलकंठ भानु ने जो कारनामा कर दिखाया है वह काबिले तारीफ तो है ही लेकिन यह रिकॉर्ड पहले भी भारत की मैथ मेस्ट्रैस शकुंतला देवी के नाम रह चुका है।
- शुभम यादव