ऋतिक रोशन की ''सुपर 30'' इंस्पिरेशनल फिल्म है

By रेनू तिवारी | Jul 12, 2019

सुपर 30 मूवी रिव्यू- आनंद कुमार वो शख्स हैं जिन्होंने फर्श से अर्श तक का सफर अपनी कड़ी मेहनत और टेलेंट के दम पर हासिल किया है। ऋतिक रोशन की 'सुपर 30 (Super 30)' में आनंद कुमार की जिंदगी की कहानी को दिखाया गया है कि कैसे आनंद कुमार एक कोचिंग सेंटर से बिहार में गणित के गुरू के नाम से मशहूर हो गये। आनंद कुमार को मैथ्स का जीनियस माना जाता है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कई बार टेलेंट और मेहनत हालात के आगे हार जाते हैं लेकिन सिकंदर वही होता है जो हालात और वक्त को अपनी मुठ्ठी में करके जीत जाए। आनंद कुमार भी सिकंदर है। जिन्होंने अपने हालात से कभी समझौता नहीं किया बस मेहनत करके आगे बढ़े। 

 

फिल्म की कहानी

सुपर 30 फिल्म की शुरूआत फ्लैशबैक के साथ होती है। आनंद कुमार एक अच्छे स्टूडेंट हैं। आनंद कुमार यानी ऋतिक रोशन का एडमिशन के लिए क्रैबिंज यूनिवर्सिटी में नंबर आ जाता है। लेकिन आनंद कुमार एक गरीब परिवार में पले-बड़े होते हैं इसलिए हालात इतने खराब होते हैं कि यूनिवर्सिटी ने वह दाखिला नहीं ले पाते। आनंद कुमार के पिता की अचानक मौत के बाद घर के हालात और खराब हो जाते है। आनंद को मां के हाथों बने पापड़ बेचकर घर चलाना पड़ता है। कहते हैं वक्त सबका बदलता है आनंद कुमार का भी बदला। आनंद कुमार को लल्लन सिंह का साथ मिल जाता है और फिर सफर शुरू होता है अच्छे दिनों का। लल्लन आईआईटी की तैयारी कर रहे बच्चों के लिए एक कोचिंग सेंटर चलाता है और आनंद को बतौर टीचर शामिल कर लेता है। हालांकि जब आनंद को एहसास होता है कि उसके जैसे कई बच्चे अपने सपनों का आर्थिक तंगी के चलते बलिदान कर रहे हैं तो वो अपनी कंफर्टेबल जिंदगी को छोड़कर फ्री कोचिंग सेंटर खोलता है।

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कलाकारी और निर्देशन

ऋतिक रोशन के बिहारी किरदार को ट्रेलर के रिलीज से ही ट्रोल किया जा रहा था। लेकिन फिल्म में ऋतिक रोशन के किरदार को देखकर ये नहीं लग रहा कि कोई कमी है। कमी है तो बस उनके मेकअप शेड्स में। गांव का सांवला रंग देने के चक्कर में थोड़ा ऋतिक रोशन का शेड् बदल गया है। सबसे बड़ी कमी जो सामने उभर कर आ रही हैं वो है ऋतिक रोशन की आंखे। ऋतिक रोशन की हरी आंखों पर मेकअप आर्टिस्टों  ने बिलकुल काम नहीं किया जिसके कारण ऋतिक रोशन आनंद कुमार की तरह नहीं लग रहे। मेकअप को छोड़ दिया जाए तो ऋतिक ने फिल्म में अच्छी एक्टिंग की है। रोल के लिए उनकी मेहनत दिखती भी है। ऋतिक रोशन की बिहारी सुनने में मजा आ रहा है फिल्म में। पंकज त्रिपाठी ने भी एजुकेशन मिनिस्टर के रूप में अच्छा किरदार निभाया है। मृणाल के पास थोड़े से स्क्रीन स्पेस में खास कुछ करने को नहीं था। लेकिन ऋतिक के साथ सीन्स में वे प्रभावी लगती हैं। फिल्म को काफी लंबा कर दिया गया है। 2 घंटे 42 मिनट की ये फिल्म थोड़ी उबाऊ भी है।

फिल्म: सुपर 30

कलाकार:ऋतिक रोशन, पंकज त्रिपाठी मृणाल ठाकुर

निर्देशक:विकास बहल

 

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