आखिर कैसे युवराज की मदद से रिषभ पंत के प्रदर्शन में आ सकता है निखार !

By दीपक कुमार मिश्रा | Sep 26, 2019

महेंद्र सिंह धोनी के बाद भारतीय टीम का मुख्य विकेटकीपर कौन होगा यह सवाल काफी लंबे समय से चला आ रहा है। पिछले कुछ वर्षों में रिषभ पंत को धोनी के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। पंत को धोनी का उत्तराधिकारी माना जा रहा है। पंत ने भी इंडिया ए और फिर उसके बाद आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया था जिसको देखते हुए उन्हें इंडिया के लिए खेलने का मौका मिला। हालांकि पंत उस मौके पर अच्छे से भुना नहीं पा रहे है। उन्हें लेकर कई सवाल खड़े किए जा रहे है। मुख्य चयनकर्ता से लेकर मुख्य कोच और बैटिंग कोच पंत के विक्लप को लेकर मीडिया में बयान दे चुके है। अब सवाल यह है कि जिस पंत को कप्तान कोहली चाहते है उसके चयन पर इतनी माथापच्ची क्यों हो रही है। आखिर महेंद्र सिंह धोनी के उत्ताराधिकारी के रूप में जिसे देखा जा रहा था उसपर लगातार क्यों सवाल खड़े किए जा रहे है। आखिर क्यों 22 वर्षीय रिषभ पंत को खेलने की आजादी नहीं मिल रही है। क्या लगतार सवाल उठने से रिषभ पंत का मनोबल टूट सकता है।

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टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत जिनकी उम्र करीब 22 साल है। जिन्होंने टीम इंडिया के लिए 11 टेस्ट खेले हैं और 44.35 की औसत रन बनाए हैं। टेस्ट में 2 शतक भी रिषभ पंत के नाम हैं वो भी ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में उन्होंने यह कारनामा किया है। वही रिषभ पंत ने 12 वनडे और 20 टी 20 मैच में टीम इंडिया का हिस्सा रहे हैं।  जाहिर है रिषभ पंत अभी अनुभव हासिल कर रहे हैं। लेकिन रिषभ पंत पर एक प्रेशर बनाया जा रहा है। कभी कोच रवि शास्त्री ये कहते हैं कि अगर नहीं सुधरेंगे तो फिर खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहे। तो कभी कोई पूर्व क्रिकेटर ये कहता है कि नंबर 4 पर भेजो तो कभी कोई ये कहता है कि नंबर 5 पर भेजो। इतना ही नहीं टीम इंडिया के इस विकेटकीपर बल्लेबाज की तुलना महेंद्र सिंह धोनी से भी की जाती है। अब भला तुलना करने वालों को ये कौन समझाए कि धोनी भी रातों रात नहीं चमक गए थे। धोनी को मौका मिला तो फिर समय के साथ धोनी तैयार हुए। 

 

युवराज सिंह ने रिषभ पंत पर बयान देते हुए ये कहा है कि “आपको उनकी मानसिकता को समझना होगा और उनके साथ काम करना होगा. अगर आप उन पर दबाव बनाएंगे, तो आप उनसे उनका सर्वश्रेष्ठ नहीं निकलवा पाएंगे। धोनी एक दिन में नहीं बने, उन्हें बनने में कई साल लगे हैं । इसलिए उनका विकल्प निकालने में भी समय लगेगा”। 

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जाहिर है रिषभ पंत पर एक दवाब बनाया जा रहा है। रिषभ की उम्र सिर्फ 22 साल है। 22 साल के एक युवा खिलाड़ी में प्रेशर झेलने की क्षमता कम हो सकती है। पंत के बल्लेबाजी क्रम को लेकर भी टीम के कोच और कप्तान को उनसे बात करने की जरूरत है। ज्यादातर मौके पर देखा जा रहा है कि वनडे या फिर टी-20 क्रिकेट में पंत नंबर 4 पर बल्लेबाजी करते समय अपने आपको ज्यादा वक्त नहीं दे पाते। वह पिच पर वक्त बिताने के बजाय लंबे शॉट लगाने के चक्कर में अपना विकेट गंवा बैठते है। वहीं पंत ने टेस्ट क्रिकेट में तो अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन अभी भी उन्हें अपने आपको एक टेस्ट स्पेशलिस्ट के रूप में साबित करना होगा। इसके अलावा अगर पंत को बड़ा बल्लेबाज बनना है तो उन्हें टीम के जरूरत के मुताबिक अपने आप को हालात के अनुरूप ढालना होगा। पंत के अंदर टैलेंट कूट-कूट कर भरा है। लंबे हिट लगाने की शक्ति उन्हें और ज्यादा खतरनाक बनाती है। लेकिन पंत को भी अपने गेम पर काम करने की जरूरत है। उन्हें अपने खेल में बदलाव करने के बजाय हालात के अनुरूप बल्लेबाजी करने पर ध्यान देने के बारे में सोचना होगा। घरेलू क्रिकेट में इन दिनों ईशान किशन और संजू सैमसन जैसे बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन कर रहे है। यह दोनों खिलाड़ी काफी टैलेंटेड है। अगर पंत को बाहर कर इन्हें मौका दिया जाता है और फिर यह मौके को अच्छे से भुना लेते है तो पंत के लिए वापसी करना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में पंत को अब जल्द ही अपने खेल के बारे में विचार करना अच्छा प्रदर्शन करना होगा। इसके अलावा पंत के बल्लेबाजी क्रम और उनकी तकनीक को लेकर उठ रही आलोचनाएं भी काफी गलत है। क्योंकि अगर टीम इंडिया के इस विकेटकीपर बल्लेबाज को अभी कप्तान कोच के साथ पूर्व क्रिकेटरों का साथ नहीं मिला तो फिर हो सकता है कि पंत का करियर शुरु होने से पहले ही खत्म हो सकता है। 

 

दीपक कुमार मिश्रा

 

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