फिलहाल कोरोना का संकट जोरों पर है। ऐसे में आर्थिक समस्याओं से बचने के लिए भारत सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, यानी ईपीएफओ से एडवांस में अपना पैसा निकालने की सहूलियत प्रदान कर दी है।
आइए देखते हैं कि इससे संबंधित क्या नियम लागू किए किए गए हैं?
बताते चलें कि पीपीएफ स्कीम 1952, इस संबंध में पहले से ही लागू है, लेकिन तकरीबन 8 करोड़ एम्पलाइज को प्रोविडेंट फंड निकालने की सहूलियत के लिए इसमें हाल ही में बदलाव किया गया है। यह बदलाव इस संदर्भ में है कि कोई भी एम्प्लोयी अपने खाते में डिपॉजिट कुल पैसे का 75 फ़ीसदी या फिर 3 महीने की सैलरी के बराबर फंड निकाल सकता है। खास बात यह है कि इस रकम को फिर से ईपीएफ अकाउंट में जमा करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
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इससे पहले किसी कर्मचारी को प्रोविडेंट फंड निकालने के लिए आपको अपने किसी सगे की शादी या फिर एजुकेशन या फिर अगर कोई मकान जैसी बड़ी चीज खरीद रहे होते थे या फिर आपके सामने कोई स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति होती थी, तभी अपना पीएफ निकाल सकते थे। अब इसमें बदलाव करते हुए कोविड-19 यानी कोरोनावायरस का क्लाज भी जोड़ दिया गया है। ऐसे में आप ऑनलाइन इसके लिए आवेदन कर सकते हैं और किसी भी सर्टिफिकेट की आपको जरूरत नहीं है।
हालांकि इसके लिए आपका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर यानी यूएएन पहले से एक्टिवेट रहना चाहिए तो आपके आधार नंबर के साथ यह लिंक भी होना चाहिए। इसी प्रकार आपका बैंक अकाउंट भी यूएएन नंबर से लिंक होना आवश्यक है।
1. ऑनलाइन आवेदन के लिए आप इसके पोर्टल पर लॉगिन करें और ऑनलाइन सर्विसेज में जाकर form-31, 19 10c और 10d पर क्लिक करें। उसके बाद अपने बैंक खाते के अंतिम चार डिजिट डालकर इसे वेरिफाई करें, फिर आगे प्रोसीड करें। (Portal Link: https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/ )
2. इसके आगे विकल्पों में किस उद्देश्य से अपना प्रोविडेंट फंड निकाल रहे हैं उसे चुनें। इसमें आउटब्रेक आफ पैनडेमिक कोविड-19 का ऑप्शन आफ सिलेक्ट करें। साथ ही अपने चेक की स्कैन कॉपी अपलोड करें, उसके बाद एक ओटीपी आपके मोबाइल पर आएगा और इसके बाद आप इसे सबमिट कर सकते हैं।
खास बात यह है कि अगर आपका पीएफ खाता 5 साल या उससे पहले का है तो निकाली गयी रकम पर आपको टैक्स नहीं देना पड़ेगा, जबकि अगर नया खाता है तो यह टैक्सेबल होगा। ऐसे में टीडीएस काटकर आपकी रकम वापस होगी।
सामान्य स्थिति में क्या रहता है विकल्प?
EPF में योगदान वैसे तो रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाता है, लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि हमें जॉब के बीच में ही पीएफ से पैसे निकालने की जरूरत पड़ जाती है।
सामान्य तौर पर आपकी तरफ से पीएफ अकाउंट में किये गए कुल योगदान का 50% हिस्सा आपके द्वारा तब निकाला जा सकता है, जब आपको अपनी संतान की उच्च शिक्षा के लिए रकम की आवश्यकता हो। भाई-बहन या संतान की शादी के लिए भी पीएफ की यही लिमिट है।
हालाँकि, घर बनाने के लिए आप अपने मासिक वेतन का 36 गुना रकम निकाल सकते हैं, जिसमें आप का अपना और आपके एम्प्लायर द्वारा जमा रकम शामिल होती है।
मेडिकल इमरजेंसी में आप अपनी पीएफ की पूरी रकम या अपनी सैलरी का 6 गुना पैसा, जो भी कम हो, उसे निकाल सकते हैं।
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अब चूंकि सब कुछ ऑनलाइन है और घर बैठे एक क्लिक पर आप पीएफ निकालने की प्रक्रिया को अंजाम दे सकते हैं।
इसका लिंक है: https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/
1. सबसे पहले अपना UAN नंबर, पासकोड एवं कैप्चा डालें।
2. इसके बाद मैनेज पर जाएँ एवं अपना KYC चेक करें।
3. इसके बाद Online Services पर जायें और CLAIM (FORM-31, 19 & 10C) पर क्लिक करें।
4. यहां पर आपके पूरे पैसे निकालने, कर्ज़ और एडवांस के लिए पैसा निकालने व पेंशन के लिए पैसा निकालने के ऑप्शन दिए गए होते हैं।
5. आप जिस कारण से पैसे निकाल सकते हैं, वही ऑप्शन आपको विज़िबल होगा।
6. जैसे ही आप अपने क्लेम फॉर्म को ऑनलाइन पूरा भरकर सबमिट करते हैं, उसके 10 दिनों के भीतर आपके रजिस्टर्ड बैंक अकाउंट में ईपीएफ की राशि डिपाजिट हो जाएगी।
ज़ाहिर तौर पर गवर्नमेंट द्वारा प्रदत्त यह सुविधा हर एक कर्मचारी को काफी सहूलियत प्रदान करती है।
- मिथिलेश कुमार सिंह