Chai Par Sameeksha: विधानसभा चुनाव परिणाम का Loksabha Elections 2024 पर कितना असर पड़ेगा?

By अंकित सिंह | Dec 04, 2023

प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में हमने इस सप्ताह चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे पर बात की। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे जी। नीरज कुमार दुबे ने इन चुनावी राज्यों के नतीजे पर साफ तौर पर कहा कि अगर यह चुनाव 2024 के पहले का सेमीफाइनल था तो इसे भाजपा ने जीतने में कामयाबी हासिल की है। 


राजस्थान

राजस्थान को लेकर नीरज कुमार दुबे ने बताया कि वहां जो हर 5 साल में राज बदलने की स्थिति है, वह इस बार भी बरकरार रही। भाजपा ने शानदार जीत हासिल की। मोदी फैक्टर भाजपा के लिए राजस्थान में बड़ा काम करता हुआ दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अशोक गहलोत साढ़े 4 साल तक तो राज्य में मुख्यमंत्री कौन रहेगा, इसको लेकर आपस में लड़ते रहे। जब चुनाव का समय आया तो जनता के समक्ष लॉलीपॉप रखने की कोशिश की। लेकिन उनकी यह चाल सफल नहीं हो सकी। जनता ने कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति को भी खारिज कर दिया। राजस्थान में कानून व्यवस्था और महिलाओं के खिलाफ जिस तरीके से अपराध बढ़े थे, उससे भी लोगों में नाराजगी थी और वही चुनावी नतीजे में हमें देखने को मिला। 

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मध्य प्रदेश 

मध्य प्रदेश को लेकर नीरज कुमार दुबे ने कहा कि जिस तरीके से राज्य में भाजपा ने चुनाव जीता है, उससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि भाजपा की ओर से जो चुनाव से पहले प्लान तैयार किया गया था वह पूरी तरीके से सफल हुआ। भाजपा यहां सात सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा। शिवराज सिंह चौहान जैसे मजबूत नेता रहने के बावजूद भी बिना किसी चेहरे के चुनावी मैदान में गई। भाजपा के लिए शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता भी काम कर गई। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मध्य प्रदेश में अपनी पूरी ताकत लगाई थी। उन्होंने कहा कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को यह सोचना होगा कि आखिर मध्य प्रदेश में वह इस बार चुनाव जीतने में कामयाब क्यों नहीं हो सके? उन्होंने यह भी कहा कि कमलनाथ को इस बात को भी समझने की कोशिश करनी चाहिए कि चुनाव पार्ट टाइम नहीं है और उसके लिए अपना पूरा समय व्यतीत करना होता है। 


छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के नतीजे को आश्चर्यजनक बताते हुए नीरज कुमार दुबे ने कहा कि इससे साफ तौर पर पता लगता है कि दिल्ली की मीडिया कुछ भी कहे, लेकिन स्थानीय लोगों को ही पता होता है कि हमें किसे वोट देना है। भूपेश बघेल और उनकी सरकार की तारीफ मीडिया में खूब हो रही थी। कांग्रेस के नेता भी छत्तीसगढ़ मॉडल की बात कर रहे थे। लेकिन जनता ने उसे 5 साल में ही खारिज कर दिया। भाजपा ने राज्य में भ्रष्टाचार और धर्म परिवर्तन को बड़ा मुद्दा बनाया। इसके अलावा महादेव सट्टा ऐप का मुद्दा भी भूपेश बघेल की सरकार को ले डूबी है।


तेलंगाना 

तेलंगाना को लेकर नीरज कुमार दुबे ने कहा कि जाहिर सी बात है कि वहां के चंद्रशेखर राव के सरकार के खिलाफ नाराजगी थी और उसका असर इस चुनाव में भी दिखा। कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब रही। तेलंगाना में बीआरएस के अलावा कांग्रेस एक विकल्प के रूप में मजबूत हुई है। हालांकि इस चुनाव में भाजपा ने भी अपनी पूरी ताकत लगाई थी और यही कारण है कि उसकी सीट में बढ़ोतरी हुई है। साथ ही साथ वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। केसीआर को उनके अहंकार और परिवारवादी राजनीति का भी जवाब मिल गया है।

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