By अंकित सिंह | Mar 22, 2024
जब देश लोकसभा के चुनाव की दहलीज पर खड़ा है। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी ने राजनीति को और भी गर्म कर दिया है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष पूरी तरीके से आमने-सामने है। इंडिया गठबंधन के नेता केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा पर जबरदस्त तरीके से निशाना साध रहे हैं और इसे लोकतंत्र की हत्या बता रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा का साफ तौर पर कहना है कि केजरीवाल को 9 बार समन जारी किया जा चुका था। वह कभी भी पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए। उनकी ओर से कोर्ट जाया गया। कोर्ट ने जब गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया तब केजरीवाल के खिलाफ एक्शन हुआ है। हालांकि ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर लोकसभा चुनाव पर कितना असर पड़ सकता है?
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका है। आम आदमी पार्टी देश की 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात और असम में उसने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। ऐसे में पार्टी के समक्ष बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है। आम आदमी पार्टी इंडिया ब्लॉक में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के पूरे चुनावी कैंपेन पर ग्रहण भी लग सकता है। इंडिया गठबंधन के प्रचार पर भी असर पड़ेगा क्योंकि केजरीवाल बड़े नेता माने जाते हैं। उन्हें लोगों को अपने पक्ष में करना आता है। हालांकि, अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी सिंपैथी गेन करने की कोशिश कर रही है। इसलिए वह पूरी तरीके से भाजपा पर हमलावर है। साफ तौर पर आम आदमी पार्टी की ओर से कहा जा रहा है कि नरेंद्र मोदी सिर्फ और सिर्फ केजरीवाल से डरते हैं इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उनकी पार्टी रणनीति बनाने में जुटी है ताकि सहानुभूति लहर का लाभ बताने की कोशिश किया जा सके। आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब में सरकार है। यही कारण है कि भाजपा तुरंत पलटवार कर रही है। अगर विपक्ष और आम आदमी पार्टी यह मैसेज डिलीवर करने में कामयाब हुए कि केंद्र की मोदी सरकार विपक्षी दलों के नेताओं को ही निशाना बना रही है तो ऐसे में भाजपा के लिए नुकसान हो सकता है। यही कारण है कि भाजपा पूरी तरीके से यह बताने की कोशिश कर रही है कि केजरीवाल को कोर्ट से पहले झटका लगा, फिर उनकी गिरफ्तारी हुई है। केजरीवाल को नौ बार समान जारी किया गया था। वह पूछताछ के लिए शामिल नहीं हुई इसलिए उनकी गिरफ्तारी हुई है। बीजेपी केजरीवाल की नाकामयाबियों को गिनवाने की कोशिश कर रही है। भाजपा का कहना है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के दफ्तर के बाहर हंगामा और ड्रामा चल रहा है। आम आदमी पार्टी के तमाम नेतागण बाहर आकर बयानबाजी कर रहे हैं और झूठ का पुलिंदा देश के सामने रख रहे हैं। भाजपा का सवाल है कि अगर नई शराब नीति सही थी तो जांच के आदेश होते ही केजरीवाल ने इसे वापस क्यों ले लिया? कोर्ट ने अब तक सिसोदिया और संजय सिंह को जमानत क्यों नहीं दी?
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर पूरा विपक्ष और इंडिया गठबंधन केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हो गया है। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने साफ तौर पर कहा है कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री थे, हैं और आगे भी रहेंगे। वहीं राहुल गांधी ने साफ तौर पर कहा है कि इंडिया गठबंधन इसका मुंहतोड़ जवाब देगा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यह गिरफ्तारी नई क्रांति को जन्म देगा। भाजपा जानती है कि वो फिर दुबारा सत्ता में नहीं आनेवाली, इसी डर से वो चुनाव के समय, विपक्ष के नेताओं को किसी भी तरह से जनता से दूर करना चाहती है, गिरफ़्तारी तो बस बहाना है। ये गिरफ़्तारी एक नयी जन-क्रांति को जन्म देगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, "रोज़ जीत का झूठा दंभ भरने वाली अहंकारी भाजपा, विपक्ष को हर तरह से चुनाव के पहले ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "डरा हुआ तानाशाह, एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है। मीडिया समेत सभी संस्थाओं पर कब्ज़ा, पार्टियों को तोड़ना, कंपनियों से हफ्ता वसूली, मुख्य विपक्षी दल का अकाउंट फ्रीज़ करना भी ‘असुरी शक्ति’ के लिए कम था, तो अब चुने हुए मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी भी आम बात हो गई है। INDIA इसका मुंहतोड़ जवाब देगा।