By अभिनय आकाश | Feb 24, 2022
19वीं सदी में ब्रिटेन में एक मशहूर लेखक हुए हर्बर्ट जॉर्ज विल्स उन्होंने युद्ध को लेकर कहा था कि If we don't end war, war will end us यानी अगर हमने युद्ध का चलन खत्म नहीं किया तो युद्ध हमें खत्म कर देगा। रूस और यूक्रेन को लेकर तनाव लगातार जारी है। दोनों के बीच युद्ध की शुरुआत हो चुकी है। एक तरफ जहां रूस यूक्रेन पर ताबड़तोड़ मिसाइल से हमला कर रहा है वहीं दूसरी तरफ उसकी थल सेना भी यूक्रेन में दाखिल हो गई है। जिसके बाद अब ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि रूस और आक्रमक तरीके से हमला कर सकता है। ऐसे में अब सवाल उठता है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध होने से आखिर किसका पलड़ा भारी पड़ेगा।
दोनों देशों की ताकत
सबसे बड़ी बात यूक्रेन के पीछे मजबूती से अमेरिका खड़ा है। साल 2014 से ही रूस और यूक्रेन के बीच तनाव देखा जा रहा है। इसी साल रूस ने आक्रमण कर यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया था। विशेषज्ञों का कहना है कि यूक्रेन की सेना का मनोबल ऊंचा है लेकिन हथियारों की कमी की वजह से उन्हें जीत हासिल नहीं हुई। बस इसी हथियारों की कमी को पूरा करने के लिए नाटो देश दिल खोलकर यूक्रेन की मदद कर रहे हैं।
यूक्रेन में सैनिकों की कुल संख्या- 11,00000
सक्रिय सैनिकों- 200000
रिजर्व सैनिक- 900000
विमान- 98
टैंक- 2596
हेलीकॉप्टर- 34
सशस्त्र वाहन- 12,303
रूस में सैनिकों की कुल संख्या- 29, 00000
सक्रिय सैनिक- 9,00000
रिजर्व सैनिक- 20, 00000
टैंक- 12, 240
हेलीकॉप्टर- 544
सशस्त्र वाहन- 30. 122
विमान- 1511
किसके पास कितने परमाणु हथियार
रूस की सेना दुनिया में सबसे ताकतवर सेना मानी जाती है। बात अगर न्यूक्लियर वेंपन्स की करें तो रूस के पास लगभग 6 257 परमाणु हथियार हैं। जिन्हें रूस मिसाइलों, पनडुब्बियों और विमानों से लॉन्च कर सकता है। वहीं यूक्रेन को 1991 में सोवियत संघ से स्वतंत्रत होने पर लगभग 3 हजार परमाणु हथियार विरासत में मिले। जिससे उसका परमाणु हथियारों को जखीरा दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है। सैन्य ताकत की तुलना में हर जगह रूस का पलड़ा जरूर भारी है। लेकिन युद्ध की स्थिति में नाटो देशों से यूक्रेन को मदद मिलने की पूरी उम्मीद है।
यूक्रेन- रूस का रक्षा खर्च
दोनों देशों के डिफेंस बजट के बीच भी काफी बड़ा अंतर है। रूस रक्षा बजट 154,000,000,000 डॉलर है और यूक्रेन का 11,870,000,000 डॉलर है। रूस के हमलों के बीच यूक्रेनी संसद ने 2022 के लिए देश के रक्षा बजट को 314 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 1.3 बिलियन डॉलर करने की योजना को मंजूरी दे दी गई है। इस पैसे का इस्तेमाल हथियार खरीद में होगा। इसके साथ ही पहले से मौजूद हथियारों को अपग्रेड किया जाएगा।