By अभिनय आकाश | Jan 30, 2023
पाकिस्तान के रावलपिंडी में अधिकारियों ने हिंदू और एक ईसाई परिवार के घरों को ध्वस्त कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार ये परिवार पिछले 70 वर्षों से इस इलाके में रह रहे थे। सूत्रों के अनुसार, 27 जनवरी को रावलपिंडी के छावनी क्षेत्र में कम से कम पांच घरों को तोड़ा गया, जो एक हिंदू परिवार, एक ईसाई परिवार और शियाओं के थे। उनका सामान मोहल्ले की सड़कों पर फेंक दिया गया। हिंदू परिवार को पास के एक मंदिर में शरण लेने के लिए मजबूर किया गया, जबकि ईसाई परिवार और शिया बिना किसी आश्रय के रहने को मजबूर हैं।
सूत्र बताते हैं कि पीड़ित परिवारों ने अदालत से स्टे ऑर्डर लेने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने बल प्रयोग कर उनके घरों को तोड़ दिया। एक हिंदू पीड़ित ने कहा कि वे माफिया हैं और कम से कम 100 लोगों के समूह में आए थे। उन्होंने हमें परेशान भी किया, हम पर हमला भी किया क्योंकि हमने उनका मुकाबला करने की कोशिश की। वे इतने शक्तिशाली हैं कि पुलिस स्टेशन में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।
उन्होंने कहा, "हमने एक अदालत में उनका विरोध करने की कोशिश की, लेकिन छावनी बोर्ड के पास केवल एक न्यायाधीश नवीद अख्तर हैं, जो उनका पक्ष लेते हैं। हमारे पास सभी कागजात थे क्योंकि हम यहां 70 से अधिक वर्षों से रह रहे हैं। उनके पास नहीं है।" हमें नोटिस दिया और अपने घरेलू सामान को बचाने के लिए समय नहीं दिया। हमारे पास परिवार को मंदिर ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक पिछले कई दशकों से उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। देश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर सरकार, पुलिस और यहां तक कि न्यायपालिका भी मूकदर्शक बनी हुई है।