By अंकित सिंह | Jun 15, 2022
सरकार ने राष्ट्र के समक्ष पेश आनी वाली भावी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए मंगलवार को अग्निपथ नामक योजना का ऐलान किया था। इस योजना के तहत सरकार ने दशकों पुराने रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में 4 साल की लघु अवधि के लिए सैनिकों की भर्ती को हरी झंडी दे दी। इन्हें ‘अग्निवीर’ का नाम दिया जाएगा। माना जा रहा है कि इस योजना के तहत देश को योग्य और युवा सैनिकों को भर्ती करने में आसानी होगी। अब इसको लेकर गृह मंत्रालय की ओर से भी बड़ा ऐलान कर दिया गया है। गृह मंत्रालय ने इस योजना में 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल की भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। इसे लेकर गृह मंत्रालय की ओर से ट्वीट भी किया गया है।
गृह मंत्रालय ने ट्वीट में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय के इस निर्णय से ‘अग्निपथ योजना’ से प्रशिक्षित युवा आगे भी देश की सेवा और सुरक्षा में अपना योगदान दे पायेंगे। इस निर्णय पर विस्तृत योजना बनाने का काम शुरू हो गया है। मंत्रालय ने आगे लिका कि ‘अग्निपथ योजना’ युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए नरेंद्र मोदी जी का एक दूरदर्शी व स्वागत योग्य निर्णय है। इसी संदर्भ में आज गृह मंत्रालय ने इस योजना में 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे और चयन के लिए पात्रता आयु 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा।
रोजगार के पहले वर्ष में एक ‘अग्निवीर’ का मासिक वेतन 30,000 रुपये होगा, लेकिन हाथ में केवल 21,000 रुपये ही आएंगे। हर महीने 9,000 रुपये सरकार के समान योगदान वाले एक कोष में जाएंगे। इसके बाद दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में मासिक वेतन 33,000 रुपये, 36,500 रुपये और 40,000 रुपये होगा। प्रत्येक ‘अग्निवीर’ को ‘सेवा निधि पैकेज’ के रूप में 11.71 लाख रुपये की राशि मिलेगी और इस पर आयकर से छूट मिलेगी। यह भर्ती ‘‘अखिल भारतीय, अखिल वर्ग’’ के आधार पर की जाएगी। यह भर्ती ‘‘अखिल भारतीय, अखिल वर्ग’’ के आधार पर की जाएगी। इससे उन कई रेजींमेंट की संरचना में बदलाव आएगा, जो विशिष्ट क्षेत्रों से भर्ती करने के अलावा राजपूतों, जाटों और सिखों जैसे समुदायों के युवाओं की भर्ती करती हैं।