गृहमंत्री अमित शाह बनकर राज्यपाल को फोन करने वाले आरोपी, मध्य प्रदेश के वित्तमंत्री के करीबी

By दिनेश शुक्ल | Jan 11, 2020

भोपाल।  मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को गृहमंत्री अमित शाह बनकर जबलपुर के मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का कुलपित बनाने को लेकर सिफारिश करने वाले एयरफोर्स के विंग कमांडर और उनके साथी की गिरफ्तारी के बाद कई नए खुलासे हो रहे है। शुक्रवार को एसटीएफ ने विंग कमांडर कुलदीप बाघेला और डॉ. चंद्रेश कुमार शुक्ला को गिरफ्तार किया है। विंग कमांडर कुलदीप बाघेला ने राज्यपाल लालजी टंडन से फोन पर बात की उन्हें आदेशात्मक लहजे में अपने साथी डॉ. चन्द्रेश कुमार शुक्ला को मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का कुलपति बनाने को कहा।  लेकिन राज्यपाल और उनके स्टॉफ को इस कॉल में गड़बडी लगी जिसके बाद दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के बंगले से इस कॉल का सत्यापन करवाया लेकिन गृहमंत्री निवास से इस तरह के किसी तरह के कॉल न किए जाने की सूचना के बाद मामला एसटीएफ को सौंप दिया गया।

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एसटीएफ ने जाँच के बाद धोखाधड़ी करने वाले दोनों आरोपियों एयरफोर्स के विंग कमांडर कुलदीप बाघेला और डॉ. चन्द्रेश कुमार शुक्ला का गिरफ्तार कर लिया। जिनसे पूछताछ की जा रही है। इस बीच डॉ. चन्द्रेश कुमार शुक्ला को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। आरोपी डॉ. चन्द्रेश शुक्ला मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री तरूण भनोत का करीबी बताया जा रहा है सूत्रों की माने तो आरोपी डॉ. चन्द्रेश कुमार शुक्ला के लिए वित्तमंत्री तरूण भनोत के भोपाल स्थित बंगले पर अलग से कैबिन बनाया गया है। जहाँ आरोपी डॉ. चन्द्रेश कुमार शुक्ला रसूख के साथ बैठता था। सूत्र बताते है कि मंत्री के सभी सरकारी और वित्तीय लेन देन बिना आरोपी डॉ. चन्द्रेश कुमार शुक्ला के बिना अनुशंसा के नहीं होते थे। डॉ. चन्द्रेश कुमार शुक्ला वित्त मंत्री का इतना करीबी है कि ओएसडी का जायदातर काम आप्रत्यक्ष रूप से वही करता था। यही नहीं आरोपी डॉ. चन्द्रेश कुमार शुक्ला के कई भाजपा नेताओं से भी करीबी संबंध बताए जा रहे है साथ ही आरोपी ने अपने कई फोटो सोशल मीडिया एकाउंड पर भी शेयर किए है।

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आरोपी डॉ.चन्द्रेश कुमार शुक्ला डेंटल कौंसिल ऑफ इंडिया में सदस्य भी है। इस पर भारतीय दंत चिकित्सा परिषद की सदस्यता के लिए हुए चुनाव में गड़बडी के आरोप भी लगे थे। डॉ. चन्द्रेश कुमार शुक्ला  भोपाल के साकेत नगर में डेंटल वर्ल्ड नाम से क्लिनिक संचालित करता है। वही इसका साथी विंग कमांडर कुलदीप बाघेला की पोस्टिंग एडीसी के रूप में पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय राम नरेश यादव के कार्यकाल के दौरान 2014 में राजभवन में ही थी। इसी दौरान डॉ.चन्द्रेश शुक्ला से विंग कमांडर की दोस्ती होना बताया जा रहा है। सूत्र बताते है कि पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय राम नरेश यादव के कार्यकाल के दौरान इन दोनों ने अपने रसूख का इस्तमाल करते हुए करीब 150 कॉल राजभवन से किए थे। जिसके चलते इनको आर्थिक और प्रशासनिक लाभ प्राप्त हुए है।

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यही नहीं डॉ. चन्द्रेश कुमार शुक्ला रेड क्रास राज्य शाखा में भी खासा दखल रखता है। बताया जाता है कि उसने अपने इसी रसूख का इस्तेमाल कर अपनी पत्नी श्रीमती देवाश्री शुक्ला, केयर डायग्नोस्टिक सेंटर को भारतीय रेडक्रास सोसायटी मध्यप्रदेश राज्य शाखा, शिवाजी नगर में डिजिटल एक्स-रे मशीन संचालित करने के लिए राजभवन के रसूख का अनैतिक इस्तेमाल कर निविदा प्राप्त की। यही नहीं अपने रसूख का इस्तेमाल कर डॉक्टर चन्द्रेश कुमार शुक्ला रेड क्रास राज्य शाखा में पैथलॉजी लैब भी संचालित कर रहा है। सूत्र बताते है कि जिसके सभी दस्तावेज राजभवन ने तलब किए है। रेड क्रास सोसायटी मध्यप्रदेश शाखा के तत्कालीन जरनल सेक्रेट्री राजीव नयन तिवारी, तत्कालीन राज्यपाल के अपर सचिव शैलेन्द्र कयावत और तत्कालीन प्रमुख सचिव राज्यपाल एवं रेडक्रास सोसायटी के प्रभारी चेयरमैन मोहन राव की भी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। आरोपी डॉ. चन्द्रेश कुमार शुक्ला के पिता डीएसपी के पद से रिटायर्ड हुए है और पुलिस विभाग की सेवा के दौरान राजधानी भोपाल के कई थानों में पदस्थ रहे है।

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मध्य प्रदेश राजभवन और देश गृहमंत्री अमित शाह से जुड़े इस संदिग्ध मामले में गिरफ्तार हुए एयरफोर्स के विंग कमांडर कुलदीप बाघेला और डॉक्टर चन्द्रेश कुमार शुक्ला से एसटीएफ पूछताछ कर रही है। एसटीएफ ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था जहाँ से उन्हें 13 जनवरी 2020 तक रिमांड मिल गई है।  पूछताछ के दौरान और भी कई बडे खुलासे इन दोनों आरोपियों के द्वारा किए जा सकते है।

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