सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग (ईसी) को 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया, जिसने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया और कहा कि प्रत्यक्ष चुनाव लोकतंत्र की सर्वोपरि विशेषताओं में से एक है और इसे रोका नहीं जा सकता। पीठ ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाएं और जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल किया जाए।
जम्मू-कश्मीर में आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार बनाई थी। लेकिन 2018 में बीजेपी गठबंधन से बाहर हो गई और विधानसभा भंग हो गई। इसके बाद राज्यपाल शासन लागू हो गया। 5 अगस्त, 2019 को, केंद्र ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया और तत्कालीन राज्य को जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में विभाजित कर दिया गया। अनुच्छेद 370 हटने के बाद इस क्षेत्र में स्थानीय चुनाव भी हुए हैं, जिसमें 2020 जिला विकास परिषद चुनाव और इस साल की शुरुआत में हुए लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी)-कारगिल चुनाव भी शामिल हैं।