By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 28, 2022
2002 में गोरखपुर शहरी सीट से अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रत्याशी राधा मोहन दास अग्रवाल की भाजपा के शिव प्रताप शुक्ला के खिलाफ जीत सुनश्चित करने में हिंदू युवा वाहिनी ने बेहद अहम भूमिका निभाई थी। योगी को 1998 से लगातार पांच बार गोरखपुर लोकसभा सीट से चुनाव जिताने में भी इस संगठन ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। हिंदू युवा वाहिनी खुद को ‘हिंदुत्व और राष्ट्रवाद को समर्पित एक आक्रामक सांस्कृतिक एवं सामाजिक संगठन’ के रूप में वर्णित करती है। गौरक्षा के अलावा छुआछूत की प्रथा को खत्म करना और समाज के शांतिपूर्ण विकास को बढ़ावा देना इसका मुख्य एजेंडा है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में यह संगठन कई बार विवादों में भी घिरा है। जून 2017 में इसके तीन सदस्यों को दुष्कर्म और बरेली में एक पुलिसकर्मी की पिटाई के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसी साल मई में बुलंदशहर में घर से भागने में एक समुदाय की लड़की की कथित मदद करने वाले दूसरे समुदाय के व्यक्ति की भीड़ हत्या में भी इस संगठन के सदस्यों का नाम सामने आया था। 2018 में ‘लव जिहाद’ के संदेह में इसके सदस्यों ने बागपत कीअदालत में एक जोड़े की कथित तौर पर पिटाई कर दी थी। हालांकि, विशेषज्ञों के मुताबिक 2017 में योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद हिंदू युवा वाहिनी का रुख नरम पड़ गया। उसके बाद से संगठन का ध्यान मुख्यत: सामाजिक कल्याण एवं छुआछूत की प्रथा को खत्म करने पर केंद्रित रहा है।
कोरोना वायरस महामारी के दौरान भी हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने जरूरतमंदों की काफी मदद की। हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश महासचिव इंजीनियर पीके मल्ल ने कहा, ‘हिंदू युवा वाहिनी एक सामाजिक संगठन है। यह सामाजिक कार्यों में सक्रिय होने के साथ ही गोरखपुर में पूज्य महाराज जी (योगी) और पूरे प्रदेश में भाजपा उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने का कार्य कर रहा है।’ योगी गोरखपुर शहरी विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। प्रसिद्ध गोरक्षनाथ मंदिर, जिसके ‘महंत’ योगी हैं, इसी विधानसभा क्षेत्र में आता है। वह अभी विधान परिषद सदस्य के तौर पर मुख्यमंत्री पद पर सेवाएं दे रहे हैं। गोरखपुर शहरी सीट पर छठे चरण के तहत तीन मार्च को मतदान होना है। गोरखपुर में हिंदू युवा वाहिनी के नगर संयोजक ऋषि मोहन वर्मा ने बताया कि बीते चुनाव में योगी का प्रचार करने वाले कार्यकर्ताओं की सूची तैयार कर ली गई और उन्हें इस बार भी प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। उन्होंने बताया कि मतदाता सूची के आधार पर बूथ स्तर पर वाहिनी कार्यकर्ताओं की समिति भी बनाई गई है।