इस दौर में जब देश में बाढ़ का प्रकोप है तो नाक से सांस लेने वाले प्राणियों में नाक एक लक्ष्मण रेखा बन गयी है, पानी अगर नाक तक ना पहुंचा तो मनुष्य के जीवित रहने की संभावना कुछ दिनों तक बनी रहती है। बाकी फसल और घर बार उजड़ जाने के बाद आदमी कितने दिन जीवित रहेगा ये उतना ही बड़ा सवाल है जितना कि हमारे देश में गरीबी की रेखा निर्धारित करने के मानक। कोई पानी में नाक तक डूब जाने से डूब जाने को अभिशप्त है तो किसी के घर की नाक का टीवी पर टीआरपी उत्सव मनाया जा रहा है। नाक अलग अलग है, सबका अलग-अलग महत्व है, जैसे भारत में पकौड़ा की बढ़ती लोकप्रियता और पकौड़े बनाकर अकूत दौलत कमाने वालों की लोकप्रियता देखकर, पाकिस्तान की राष्ट्रीय नाक कहे और माने जाने वाले हाफिज सईद आजकल खासी चर्चा में हैं। जो अपनी पकौड़े जैसी नाक के कारण भारत से काफी चिढ़े रहते हैं अब उन्होंने पकौड़े को खालिस हिंदुस्तानी और पाकिस्तान के लिये गैर मजहबी माना है। गैर मजहबी स्यापे को दूर करने के लिए हाफ़िज़ सईद ने अपनी नाक को पकौड़े के बजाय पकौड़ी जैसा करवाने का निश्चय किया है। इस सर्जरी के लिए उसने अस्पताल में भर्ती होने का निर्णय किया।
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हुकूमते पाकिस्तान, अस्पतालों को कभी कभी जेल भी कहती है। पाकिस्तान के सुपर प्राइम मिनिस्टर हाफ़िज़ सईद की इस इच्छा को सुनते ही पाकिस्तान के कार्यवाहक प्राइम मिनिस्टर इमरान खान ने हाफ़िज़ सईद के अस्पताल जाते ही उनके जेल जाने की मुनादी कर दी और ट्रम्प साहब से कहा कि- "अब तो कुछ मदद कर दें। हमारे अंकल सैम"। अंकल ट्रम्प ने इसे अपनी नाक ऊँची करने वाली बात बताया और कहा कि "हमने दो बरस से डॉलर ना देकर पाकिस्तान की नाक में दम कर दिया था, इसी वजह आज हाफिज सईद गिरफ्तार हुआ और अंकल ट्रम्प की नाक ऊँची हो गयी। ट्रम्प अंकल पूरी तरह से ट्रम्प पर यकीन करते हैं और चाणक्य की तरह जड़ में मट्ठा डाल देते हैं। उन्होंने ना सिर्फ पाकिस्तान की नाक में दम कर रखा है बल्कि छोटी नाक के लिए मशहूर चीनी राष्ट्रपति और पाकिस्तान के राष्ट्रीय फूफा शी जिनपिंग को भी नाकों चने चबवा दिए हैं, ट्रेड वार छेड़ रखी है उनके खिलाफ।
भारत में हालात इससे जुदा हैं यहां बड़े आदमी की नाक पर मक्खी भी बैठ जाए तो वो मशहूर हो जाती है। मक्खियां भी ऊँची नाक पर ही जाकर बैठती हैं और मशहूरियत का सबब बनती हैं। ये बात हमारी हिंदी फिल्म की हीरोइनों को समझ में आ गयी तभी तो उन्होंने नाक ऊँची करने का अभियान छेड़ दिया। अंग्रेजों ने कभी भी ऊँची नाक को ज्यादा महत्व नहीं दिया वरना वो ऊँची नाक को राइनो शब्द से ना जोड़ते। ये और बात है कि राइनोप्लास्टी की शरण में जाकर सुपरस्टार बनीं ऐश्वर्य रॉय की तरह मशहूर होने की चाहत में शिल्पा शेट्टी भी विदेश पहुंची, सर्जरी कराके अपनी नाक ऊँची और धाक ऊंची करने। नाक ऊँची होते ही उनके सितारे बदल गए, वो विलायत के बिग ब्रदर में इतना रोयीं, इतना रोयीं कि शब्द की सहानभूति में उनके आँख और नाक के द्रव एकाकार हो गए।
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वो इस चमत्कार से मालामाल हो गईं। जयपुर में हॉलीवुड अभिनेता ने मंच पर उनके साथ जो चुम्बन काण्ड किया था लोगों ने उसे देश की नाक से जोड़ा, लेकिन ऊँची नाक वाली शिल्पा शेट्टी ने उन्हें क्लीन चिट दे दी। ये और बात है कि जब कुछ कथित राष्ट्रवादी संगठन इस घटना पर आपत्ति करते हुए उनकी पिटाई करने शूटिंग के सेट पर पहुंच गए तो उन्होंने रोना धोना शुरू कर दिया और खुद को विक्टिम कहा। वैसे ही जैसे आजकल कुछ लोग काण्ड करते हैं मगर मीडिया का एक वर्ग उन्हें विक्टिम बनाकर पेश करता है। रोने-धोने से ना सिर्फ वो पिटाई से बच गयीं बल्कि कालांतर में आइटम गर्ल से रॉयल टीम की मालकिन भी बन गयीं। ये और बात है कि जांच एजेंसियां उन्हें उस टीम का सिर्फ ग्लैमरस चेहरा मानती थीं, मालिकान तो कोई और थे।
शिल्पा शेट्टी जो बात कहती हैं वो लोगों को मान लेनी चाहिये, एक बार एक साड़ी बेचने वाले का उन्होंने विज्ञापन किया था, उसने शिल्पा शेट्टी के पूरे पैसे नहीं चुकाए तो वो गैंगेस्टर से वसूली करवाने पर उतर आयीं, शायद बैंकों को यहीं से रिकवरी एजेंट का आईडिया आया होगा। खैर अब शिल्पा की टीम तो आईपीएल जीत नहीं पा रही है तो वो लोगों को योग-निरोग की ट्रेनिंग दे रही हैं। बॉलीवुड की तमाम वीर बालाएं उन्हीं की राह पर हैं, पत्रकारों की आँख की किरकिरी बनी कंगना रनौत पर भी कुछ पत्रकार शोध कर रहे हैं कि जैसे दिन ब दिन उनकी एक्टिंग निखरती जा रही है वैसे ही दिन ब दिन उनकी नाक भी ऊँची हो गयी। हमारे देश का मीडिया भी हर बात को नाक का सवाल बना लेता है और नाक पर सवाल कर बैठता है जैसे कि एक फ़िल्मी पत्रकार ने अभिनेत्री श्रुति हसन से पूछ लिया कि "ठीक-ठीक अभिनय कर लेने के बावजूद उनको अपनी नाक ऊँची क्यों करवानी पड़ी"। श्रुति हसन ने बड़ी मासूमियत से जवाब दिया कि "उन्हें अपनी नाक से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, इसलिये उन्हें ऐसा करना पड़ा"।
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ये खबर आते ही कुछ एशियाई देशों में खलबली मच गयी कि उन देशों के लोग ज़िंदा कैसे हैं जहां भारत की अपेक्षाकृत लोगों की नाक चपटी होती है। चीन ने इस सिलसिले में एक राष्ट्रीय आयोग तो बिठा दिया है कि चपटी नाक से सांस कम ले पाने के कारण कहीं उनका देश सांस कम तो नहीं ले पा रहा है और वो मैन्युफैक्चरिंग हब की अपनी कुर्सी गंवाने की कगार पर तो नहीं है। इस खबर के शाया होने के बाद इमरान खान अपनी नाक जब तब सहलाते हुए नजर आते हैं, शुक्र है कि उनके पास ऊंची लम्बी नाक तो है, मूंछें नहीं हैं तो क्या तिलोरने के लिए। इसी दरम्यान नाक की इस समस्या को करीब से जानने के लिये और अपनी नाक की दो बार सर्जरी करवा चुकी प्रियंका चोपड़ा दूसरी बार बांग्लादेश के कॉक्स बाजार इलाके का दौरा करेंगी और देखेंगी कि सभी रोहिंग्याओं के नाक को बराबर पोषण मिल रहा है या नहीं, इस दरम्यान वो अपनी ऊँची नाक पर काला चश्मा लगाये हुए अपने प्राइवेट जेट के पायलट से कहती पायीं गयीं कि सिर्फ रोहिंग्या शिविर में ही लैंड करना बीच में आसाम, बंगाल, बिहार के नाक तक डूबे बाढ़ पीड़तों के दृश्य उनको बिलकुल नजर नहीं आने चाहिए। आखिर वो मिस वर्ल्ड रह चुकी हैं, यूनाइटेड नैशन्स की गुडविल अम्बेस्डर हैं वो, रोहिंग्या का मामला इंटेरनेशनल है तो वो आसाम, बिहार जैसे छोटे-मोटे बाढ़ के मसलों को नहीं उठातीं। हां मैरी कॉम टाइप कोई रोल हो तो वो चाहे जितनी छोटी जगह का हो जाएंगी। नाक की महिमा अपरम्पार है। शाहरुख़ खान ने बताया कि जब उन्होंने अपनी पहली फिल्म साइन की थी तब उन्होंने हेमा मालिनी से पूछा था कि "आपने मुझे हीरो को रोल क्यों दिया"। अनुभवी हेमा मालिनी ने हँस कर शाहरुख़ खान से कहा था- "बिकॉज़ यू हैव ए एरिस्टोक्रेटिक नोज"। नाक की वजह से शाहरुख़ खान सुपरस्टार और हिमेश रेशमिया गायन में शिखर पर पहुंच गए। अमिताभ बच्चन इस टोटके को सच मान बैठे और अभिषेक बच्चन की नाक की सुडौलता और ऊंचाई देखकर बलि बलि जाते हैं और नाक खुजाते हुए सोचते हैं कि इतनी अच्छी नाक होने के बावजूद उनका बेटा कामयाबी क्यों नहीं सूंघ सका। रहिमन अगर आज होते तो उनका मशहूर दोहा कुछ इस तरह होता-
"रहिमन ऊँची नाक का, जलवा है चंहुँ ओर
सर्जरी करवा कर कहो "ये दिल मांगे मोर"
-दिलीप कुमार