By Kusum | Mar 20, 2025
पूर्व केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की मुश्किल कम हो गई हैं। दरअसल, भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की कोशिश हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा निर्वाचन मंडल से उनकी आयोग्यता पर रोक लगाने और बीएफआई को उनकी उम्मीदवारी के लिए नामांकन की तिथि बढ़ाने का निर्देश देने के बाद फिर से पटरी पर आ गई है। हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर लोकसभा सीट से सांसद अनुराग ठाकुर को BFI अध्यक्ष अजय सिंह के 7 मार्च के आदेश में अयोग्य घोषित किया गया था।
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार 19 मार्च 2025 को दिल्ली एमेच्योर मुक्केबाजी संघ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बीएफआई के 7 मार्च के निर्देश पर रोक लगा दी थी। अजय सिंह के हस्ताक्षर वाले निर्देश के अनुसार, बीएफआई की मान्यता प्राप्त इकाइयों के केवल प्रामाणिक और विधिवत निर्वाचित सदस्य ही 28 मार्च को गुरुग्राम में होने वाले आगामी चुनावों में अपने अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व करने के लिए अधिकृत हैं। केवल निर्वाचित सदस्य ही चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बनने के योग्य हैं।
अनुराग ठाकुर चुनाव में हिमाचल प्रदेश मुक्केबाजी संघ का प्रतिनिधित्व करना चाह रहे थे, लेकिन उन्हें निर्वाचित सदस्य नहीं माना गया। हालांकि, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने गुरुवार 20 मार्च 2025 को फैसला सुनाया कि निर्वाचन अधिकारी आरके गाबा द्वारा 13 मार्च को अनुमोदित निर्वाचन मंडल प्रथमदृष्टता गलत है और कानूनन टिकने वाला नहीं है। निर्वाचन मंडल में अनुराग ठाकुर को शामिल नहीं किया गया था।
आदेश में कहा गया है कि इस पृष्ठभूमि में सुविधा का संतुलन भी याचिकाकर्ताओं के पक्ष में है। अगर अंतरिम राहत, जैसा कि याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि प्रदान नहीं की जाती है तो उन्हें अपूरणीय क्षति होगी। ये न्यायालय अंतरिम उपाय के रूप में दिनांक 07.03.2025 के नोटिस के क्रियान्वयन और 2 मनोनीक सदस्यों में से एक अर्थात अनुराग सिंह ठाकुर के नामांकन को अस्वीकार करने के निर्देश पर रोक लगाता है।
For more Sports News in Hindi, Please click here.