By विजयेन्दर शर्मा | Aug 01, 2021
केलांग। लाहुल स्पीति में बादल फटने से हुए नुकसान का मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हवाई सर्वेक्षण कर आज जायजा लिया। प्रदेश जनजातीय जिला लाहौल- स्पीति में 27 जुलाई को बादल फटने व भयानक बाढ़ से कई नाला में पुल व सड़क को भारी नुकसान पहुँचा है, साथ ही सड़क व पुलों को क्षति हुई है । अभी भी जनजीवन पटरी पर लौट नहीं पाया है।हालात इस कदर बिगडे हैं कि अभी काम जारी है और सड़क को बहाल होने में 20 से 25 दिन लग सकते है। वही तोजिंग नाले में लापता हुए 3 लोगो का सुराग नही मिल पाया, एनडीआरएफकी टीम वापिस भेज दिया है। खोजी कुत्ते की मदद से लापता लोगो को तलाशने का अभियान चलाया जायेगा। ताकि उनका पता चल सके।
मुख्यमंत्री लाहुल घाटी के दौरे पर हैं। राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लेने के बाद उन्होंने प्रशासन व बीआरओ आईटीबीपी के अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। व हेलिकॉप्टर से नुकसान का जायजा लिया। गौरतलब है कि गंगेस्टर ग्लेशियर क्षेत्र में फटे बादल से केलंग के साकस नाले से लेकर मयाड़ के चागुंट नाले तक बाढ़ ने कहर बरपाया है। साकस, बिलिंग, तोजिंग, शांशा, जाहलमा, थिरोट, मड़ग्रा व चांगुट नाले में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। तांदी- सन्सारीनाला सड़क व पुलों को भारी क्षति पहुँची है। तांदी-सन्सारीनाला सड़क पर जहालमा पुल बह गया है, और शांशा मडग्रा व थिरोट पुल को भारी क्षति पहुँची है।
दूसरी ओर अधिकतर पर्यटक व लोग सड़क मार्ग व झूले से रेस्क्यू कर लिए हैं। शेष रहे लोगों को आज हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा है। कुल्लू व लाहुल घाटी में आज छह दिन बाद धूप खिली है। इस कारण बादल फटने के बाद फंसे लोगों को छह दिन बाद रेस्क्यू किया जा रहा है। बीआरओ ने भी सड़कों की बहाली को गति दे दी है।प्रशासन सबके रहने खाने पीने की व्यवस्था कर रहा है। साथ ही स्थानीय महिला मण्डलों द्वारा सभी के लिये भोजन की व्यवस्था की जा रही है। सीमा सड़क संगठन इन पुलों व सड़क को ठीक करने के लिये युद्धस्तर पर जुटा है। 38 बी आर टी इफ के कमांडर कर्नल उमा शंकर हालात का जायजा लेने व पुनर्स्थापन कार्य को तेजी लाने के लिये मौके पर डटे हैं । बताया तांदी -सन्सारीनाला सड़क पर यातायात बहाल होने में 20 से 25 दिन लग सकते है। सभी क्षतिग्रस्त हुए पुलों पर वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, ताकि लोग आरपार हो सके।शांशा नाले पर लोक निर्माण विभाग के मैकेनिकल विंग द्वारा पर्वतारोहण संस्थान के सहयोग से तैयार इस झूले के माध्यम से फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू किया गया है। साथ ही बड़े पुल को पुनर्स्थापित करने के साथ ही छोटी पुलिया का निर्माण आज पूरा कर दिया जाएगा।