By अंकित सिंह | May 02, 2022
हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर विवाद को लेकर महाराष्ट्र में राजनीति कम होने का नाम नहीं ले रही है। सत्ता पक्ष और भाजपा एक दूसरे पर जमकर हमलावर है। दूसरी ओर राज ठाकरे भी लगातार उद्धव सरकार के खिलाफ लगातार हल्ला बोल कर रहे हैं। हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर विवाद को लेकर भाजपा और राज ठाकरे लगातार उद्धव ठाकरे और उनके सरकार पर सवाल उठा रहे हैं और उनके हिंदूवादी राजनीति को भी कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। दूसरी ओर शिवसेना की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि वह हिंदुत्व का पालन करते हैं और दिखावटी हिंदुत्व नहीं करते हैं और ना ही वोट के लिए हिंदुत्व को आगे रखते हैं। कुल मिलाकर देखें तो महाराष्ट्र की राजनीतिक दिलचस्प होती दिखाई दे रही है। लेकिन इसमें राज ठाकरे की भूमिका अपने आप में अहम है क्योंकि अब भी मस्जिदों से तीन मई तक लाउडस्पीकर हटाने को लेकर अडिग हैं।
राज ठाकरे ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए दी गई तीन मई की समय सीमा के बाद जो कुछ भी होगा, उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं रहूंगा। मनसे प्रमुख ने कहा कि चार मई से सभी हिंदू मस्जिदों के ऊपर के लाउडस्पीकर से दोगुनी आवाज में हनुमान चालीसा बजाएं। उन्होंने कहा कि अगर वे (मुसलमान) अच्छे से नहीं समझते हैं, तो हम उन्हें महाराष्ट्र की ताकत दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर का शोर धार्मिक, नहीं बल्कि सामाजिक मुद्दा है। ठाकरे ने कहा कि सभी लाउडस्पीकरअवैध हैं। उन्होंने पूछा कि क्या यह एक संगीत कार्यक्रम है जिसमें इतने लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा रहा है?
दूसरी ओर हिंदुत्व को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच राजनीतिक द्वंद जारी है। हिंदुत्व के मुद्दे पर शिवसेना पर जोरदार हमला करते हुए भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि जब बाबरी मस्जिद को ढहाया गया, उस समय वह वहां मौजूद थे और दावा किया कि उस समय मौके पर शिवसेना का कोई नेता मौजूद नहीं था। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ने हाल में सवाल उठाया था कि जब 1990 के दशक में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद का एक हिस्सा ढहाया गया था, उस समय भाजपा नेता कहां थे? इसके जवाब में फडणवीस ने कहा, वे पूछ रहे हैं कि जब बाबरी मस्जिद को ढहाया गया, तब हम कहां थे। जब उनसे मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने को कहा गया तो वे बुरी तरह डर गए और अब वे दावा कर रहे हैं कि उन्होंने बाबरी मस्जिद को ढहाया। भाजपा नेता ने सवाल उठाया कि जब ढांचे को ढहाया गया, उस समय शिवसेना के नेता कहां थे? उन्होंने कहा, ‘‘मैं गर्व के साथ कह रहा हूं कि, हां, मैं वहां ढांचा गिराए जाने के लिए था।
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि उनके दिवंगत पिता और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने उस समय नरेंद्र मोदी का समर्थन किया था, जब 2002 के गोधरा दंगों के बाद उन्हें (मोदी को) गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग उठी थी। उन्होंने कहा कि मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग उस समय उठी थी, जब भाजपा के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि उस दौरान, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी एक रैली में भाग लेने के लिए मुंबई आए थे और बाल ठाकरे के साथ इस मांग पर चर्चा की थी। ठाकरे ने कहा, हम (रैली के बाद) बातचीत कर रहे थे। उन्होंने (आडवाणी) कहा कि वह बालासाहेब के साथ कुछ चर्चा करना चाहते हैं। फिर मैं और (दिवंगत भाजपा नेता) प्रमोद महाजन जी चले गए।