By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 26, 2023
बंबई उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई मानहानि की कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका में शामिल कानूनी मुद्दों पर मंगलवार को महाराष्ट्र के महाधिवक्ता से राय मांगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले महेश श्रीश्रीमल ने 2018 में प्रधानमंत्री मोदी के बारे में राहुल गांधी की ‘‘कमांडर-इन-थीफ’’ टिप्पणी पर मानहानि की शिकायत दर्ज की। गांधी द्वारा निचली अदालत के समन को चुनौती देने के बाद, उच्च न्यायालय ने नवंबर 2021 में मजिस्ट्रेट को सुनवाई स्थगित करने का निर्देश दिया। तब से, उच्च न्यायालय के समक्ष गांधी की याचिका पर सुनवाई समय-समय पर स्थगित होती रही।
मंगलवार को राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस.वी. कोटवाल ने कहा कि याचिका में ‘‘कानून के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न’’ उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मैं महाराष्ट्र के महाधिवक्ता से इस मामले से जुड़े सभी कानूनी मुद्दों पर अदालत की सहायता करने का अनुरोध करना जरूरी समझता हूं।’’ उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर के लिए तय की। राहुल गांधी के वकील सुदीप पसबोला ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 199 (2) का हवाला दिया, जिसके तहत एक सत्र अदालत ऐसे मामले का संज्ञान ले सकती है, जहां सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन के संबंध में एक लोक सेवक के खिलाफ अपराध का आरोप लगाया गया हो।
वकील ने कहा कि इसलिए, कोई मजिस्ट्रेट ऐसे मामले की सुनवाई नहीं कर सकता। इसके अलावा, दलील दी गई कि भारतीय दंड संहिता की धारा 499 के तहत ‘स्पष्टीकरण 2’ के अनुसार, एक राजनीतिक दल को ‘व्यक्तियों का समूह’ नहीं कहा जा सकता है, जो मानहानि की शिकायत दर्ज कर सकता है, इसलिए, श्रीश्रीमाल शिकायत दर्ज नहीं कर सकते। श्रीश्रीमल के वकील नितिन प्रधान ने दलील दी कि वह ‘भाजपा महाराष्ट्र प्रदेश समिति’ के सदस्य के रूप में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।