By अभिनय आकाश | Apr 22, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक याचिका खारिज कर दी और कहा कि वह उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 142 के तहत शक्ति का प्रयोग करने की अनुमति नहीं दे सकता। याचिका में संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शीर्ष न्यायालय की शक्ति को उच्च न्यायालयों को दिए जाने की मांग की गई थी। ध्यान रहे कि अनुच्छेद 142 शीर्ष न्यायालय को देश के भीतर किसी भी मामले या लंबित मामले में पूर्ण न्याय करने के लिए आवश्यक कोई भी डिक्री या आदेश पारित करने" का अधिकार देता है।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने आश्चर्य जताया कि वह इस तरह की याचिका को कैसे स्वीकार कर सकती है और कहा कि हम इस तरह की प्रार्थना को कैसे स्वीकार कर सकते हैं? इसके लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता है। आप संसद में जाएं। इस याचिका में की गई प्रार्थना पूरी तरह से गलत है। संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्रदत्त शक्ति केवल इस न्यायालय को है, न कि उच्च न्यायालयों को। इसलिए, हम उच्च न्यायालय को अनुच्छेद 142 के तहत इस न्यायालय की शक्ति का प्रयोग करने की अनुमति नहीं दे सकते। शीर्ष अदालत एनजीओ अभिनव भारत कांग्रेस द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।