Hezbollah का हमला या Iron Dome की खराबी? गोलन हाइट्स को लेकर क्यों मचा है बवाल?

By अभिनय आकाश | Jul 29, 2024

करीब 9 महीने से मिडिल ईस्ट में चल रही इजरायल-हमास की जंग के बीच अचानक से एक नई जंग की आशंका बड़ी तेजी से बढ़ गई है। इजरायल और उसके उत्तरी सीमा के पड़ोसी मुल्क यानी लेबनान के मिलिशिया हिजबुल्ला के बीच अब बड़ी जंग की आशंका के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल, हुआ ये है कि इजरायल के कब्जे वाली गुहान पहाड़ियों पर एक जोरदार हमला हुआ है। ये हमला फुटबॉल के मैदान पर हुआ है जिसमें कम से कम 12 बच्चे और किशोरों की मौत हो गई है। इजरायल ने इस हमले का आरोप हिजबुल्ला पर लगाया है जबकि हिजबुल्ला ने इस हमले से इनकार किया है। इस हमले ने इजरायल के साथ-साथ अमेरिका को भी एक्शन मोड में ला दिया है। इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अपने अमेरिकी दौरे को अधूरा छोड़कर लौट आए हैं और उन्होंने बदला लेने की कसम खाई है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि फुटबॉल ग्राउंड पर हुए अटैक के बाद ऑल आउट जंग की सूरत क्यों बन रही है। गोलन हाइट्स को लेकर मचे बवाल का बैकग्राउंड क्या है। दुनियाभर के नेताओं की तरफ से क्या बयान सामने आ रहे हैं। 

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हिजबुल्ला के लिए कयामत की रात

आज की रात हिजबुल्ला के लिए कयामत की रात साबित हो सकती हैं। इजरायल के स्टेडियम में जो धमाका हुआ है उसमें उन बच्चों की मौत हुई है, जिनकी उम्र 20 साल से कम थी। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हिजबुल्ला के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभियान चलाने का आदेश दे दिया है।  इजरायल लौटते ही नेतन्याहू ने एक बड़ी मीटिंग बुलाई है। नेतन्याहू ने मजद-अल-शम्स के बदले का आदेश दे दिया है। अब लेबनान पर बहुत बड़ा हमला करने की तैयारी इजरायली डिफेंस फोर्स कर रहा है। आईडीएफ ने अपने छह एयरबेस को हमले के लिए एक्टिव भी कर दिया है। इजरायल के 36 लड़ाकू विमान हमले के लिए इस वक्त हाई अलर्ट पर हैं। 

आयरन डोम से लॉन्च हुई मिसाइल ने किया अटैक? 

सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे दावे भी किए जा रहे हैं कि ये हमला हिजबुल्ला ने नहीं किया है। इजरायल के ही एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम की एक नाकाम मिसाइल ने अपने ही फुटबॉल ग्राउंड पर अटैक कर दिया। इजरायल के पास इस वक्त आयरन डोम की दस बैट्रीज हैं। हर बैट्रीज में चार लॉन्चर है, जो रडार से जुड़े होते हैं। ये रडार आने वाली हमलावर मिसाइल को डिटेक्ट करता है और लॉन्चर से उस मिसाइल को ऑटोमैटिकली इंगेज कर हवा में ही मार गिराने के लिए एक मिसाइल लॉन्च हो जाती है। दावा किया गया है कि ऐसी ही एक मिसाइल गलती से टारगेट पर न जाकर फुटबॉल के मैदान पर हमला कर बैठी। अब इजरायल इसका ठीकरा हिजबुल्ला के सिर पर फोड़ रहा है। अल अरबी चैनल जो हमेशा इजरायल के विरोध की बात कहता है उसकी एक पत्रकार ने दावा किया कि एक एंबुलेंस ड्राइवर ने किसी अन्य शख्स से सुना है कि गिरने वाली मिसाइल आयरन डोम की थी।

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गोलान हाइट्स क्या है?

गोलान हाइट्स दक्षिण-पश्चिमी सीरिया में एक चट्टानी पठार है, जो राजधानी दमिश्क से लगभग 60 किमी दूर है। पानी से समृद्ध, गोलान हाइट्स उत्तरी इज़राइल के गैलील क्षेत्र और गैलील सागर पर नज़र रखती है और सीरियाई-नियंत्रित हिस्से पर दमिश्क के मार्ग पर हावी है। महत्वपूर्ण बात यह है कि गोलान हाइट्स जॉर्डन और लेबनान के साथ सीमा साझा करती है। अरबी में जौलान के रूप में भी जाना जाता है।

1981 से इस्त्राइल के पास है गोलन हाइट्स इलाका

इजरायल ने 1967 के मिडिल ईस्ट युद्ध में सीरिया से छीन लिया था। उसने अपनी पहली बस्ती वेस्ट बैंक में नहीं, बल्कि गोलन हाइट्स में ही बनाई थी और 1981 में इस पर कब्जा कर लिया था। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इसे मान्यता नहीं दी है। 2019 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इसे इस्राइली क्षेत्र के रूप में मान्यता दी थी। यहां कुछ डूज लोगों के पास इस्राइली नागरिकता है। कई लोगों के मन में अभी भी सीरिया के प्रति सहानुभूति है और इस्राइल के कब्जे को खारिज कर दिया है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस्राइली समाज के साथ संबंध बढ़े हैं।  हालाँकि, 2019 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वाशिंगटन गोलान हाइट्स पर इज़राइल की संप्रभुता को मान्यता देगा - एक ऐसा कदम जिसने वर्षों की नीति को पलट दिया और सीरिया के साथ तनाव बिगड़ गया

गोलान हाइट्स में कौन रहते हैं?

आज की तारीख में गोलान हाइट्स में लगभग 40,000 लोग रहते हैं, जिनमें से आधे से अधिक ड्रुज़ अरब हैं। लेकिन वास्तव में ड्रुज़ कौन है? ड्रुज़ अरब एक अद्वितीय धार्मिक और जातीय समूह हैं। उनकी परंपरा 11वीं शताब्दी से चली आ रही है और इसमें इस्लाम, हिंदू धर्म और यहां तक ​​कि शास्त्रीय यूनानी दर्शन के तत्व भी शामिल हैं। वे न तो धर्म में परिवर्तन की अनुमति देते हैं और न ही अंतर्विवाह की। ड्रुज़ दशकों से बशर अल-असद और उनके पिता हाफ़िज़ अल-असद के शासन के प्रति वफादार रहे हैं। जब इज़राइल ने गोलान पर कब्जा कर लिया, तो ड्रुज़ को नागरिकता का विकल्प दिया गया, लेकिन अधिकांश ने इसे अस्वीकार कर दिया और अभी भी खुद को सीरियाई के रूप में पहचानते हैं। वर्तमान में 20,000 से अधिक ड्रुज़ गोलान हाइट्स में रहते हैं और 30 से अधिक बस्तियों में फैले लगभग 25,000 यहूदी इजरायलियों के साथ भूमि साझा करते हैं। 2023 में, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने 2027 तक वहां अपनी आबादी को दोगुना करने की इज़राइल की योजना पर चेतावनी दी थी। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जब क्षेत्र में भूमि और पानी की बात आती है तो गोलान में ड्रुज़ को इजरायलियों द्वारा भेदभावपूर्ण नीतियों का सामना करना पड़ता है। ड्रुज़ नेताओं ने यह भी बताया कि क्षेत्र में उनके साथ दोयम दर्जे के नागरिकों की तरह व्यवहार किया जाता है। शायद यही कारण है कि इज़राइली मीडिया इज़राइल में नागरिकता चाहने वाले ड्रूज़ की संख्या में वृद्धि दिखाता है।

इज़राइल के लिए गोलान क्यों महत्वपूर्ण है?

इसका सीधा सा जवाब है- सुरक्षा. गोलान हाइट्स की ऊँचाई इज़राइल को सीरिया में गहराई तक अवलोकन बिंदु प्रदान करती है - एक ऐसा देश जिसके साथ इज़राइल के तनावपूर्ण संबंध हैं। इज़राइल का यह भी कहना है कि गोलान को बनाए रखने से इज़राइली कस्बों और दमिश्क के बीच एक बफर जोन बनाने में मदद मिलती है। तेल अवीव ने यह भी कहा है कि उसे डर है कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद का सहयोगी ईरान, इज़राइल पर हमले शुरू करने के लिए सीरियाई सीमा पर स्थायी रूप से खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। 1974 के युद्धविराम समझौते के बाद, 400 वर्ग किमी का एक असैन्यीकृत बफर ज़ोन भी है जिसमें कोई भी पक्ष प्रवेश नहीं कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र डिसइंगेजमेंट ऑब्जर्वर फोर्स (यूएनडीओएफ) और संयुक्त राष्ट्र ट्रूस पर्यवेक्षण संगठन (यूएनटीएसओ) के पास क्षेत्र में शिविर और चौकियां हैं। गोलान हाइट्स बनयास जैसे महत्वपूर्ण जल स्रोतों का भी घर है, जो जॉर्डन नदी को पानी देते हैं। शुष्क क्षेत्र में पानी एक प्रमुख संसाधन है। इसके अलावा, गोलान इज़राइल का एकमात्र स्की रिसॉर्ट भी है।

27 जुलाई को क्या हुआ

इजरायल के नियंत्रण वाले गोलन हाइट्स के मजदल शम्स के डूज शहर में एक फुटबॉल मैदान में रॉकेट हमले में 12 बच्चों और किशोरों की मौत हो गई। हमले के वक्त बच्चे मैदान में खेल रहे थे। हमले से पहले सायरन तो बजा लेकिन भागने का वक्त नहीं मिल पाया। हेलिकॉप्टर और एंबुलेंस को घटनास्थल पर भेजा गया, घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। इस्त्राइल ने इस हमले के लिए हिज्बुल्लाह को दोषी ठहराया, लेकिन हिज्बुल्लाह ने इसमें किसी भी भूमिका से इनकार कर दिया। 

नेतन्याहू ने दी चेतावनी 

अमेरिका की यात्रा पर गए नेतन्याहू पहले ही देश लौट आए और आते ही सुरक्षा कैबिनेट की बैठक ली। नेतन्याहू ने चेतावनी दी कि हिज्बुल्लाह को इस हमले के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, जो उसने अब तक नहीं चुकाई है। इस्राइली सेना के मुख्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने इसे 7 अक्टूबर के हमास वाले हमले के बाद से सबसे घातक हमला बताया। उन्होंने कहा 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। विदेश मंत्री इस्राइल काट्ज ने कहा, 'इसमें कोई शक नहीं है कि हिजबुल्लाह ने सभी सीमाओं को पार कर दिया है। हमारा जवाब इसे दिखाएगा। हम उस पल के करीब है जब हम एक पूर्ण युद्ध का सामना करेंगे।' सरकार के धुर दक्षिणपंथी सदस्यों ने हिज्बुल्लाह के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया का आह्वान किया। इमरजेंसी सर्विस के एक डॉक्टर ने कहा, 'हम मैदान पर पहुंचे और जलती हुई चीजें देखीं। हताहत लोग जमीन पर पड़े थे।

 

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