Yes, Milord | सोरेन को बेल, केजरीवाल को रिमांड, मुस्लिम छात्रों की हिजाब वाली याचिका खारिज, जानें इस हफ्तें कोर्ट में क्या हुआ

By अभिनय आकाश | Jun 29, 2024

हेमंत सोरेन को मिली जमानत, हाई कोर्ट ने ईडी के सभी आरोप को आधारहीन बताया। मुंबई के हालात दयनीय, रेलवे महाप्रबंधकों को हलफनामा देने का कोर्ट ने दिया निर्देश। केजरीवाल अब तीन दिन की सीबीआई रिमांड पर। तीन नए कानून पर रोक लगाने की मांग को लेकर याचिका दायर। हिजाब को लेकर  बॉम्बे हाईकोर्ट ने 9 मुस्लिम छात्रों की खारिज की याचिका। इस सप्ताह यानी 24 जून से 29 जून 2024 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे। 

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सोरेन 148 दिन बाद रिहा

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को 148 दिन बाद जेल बाहर आए। हाईकोर्ट के जस्टिस रोंगन मुखोपाध्याय की सिंगल बेंच ने जमीन पर कब्जे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सोरेन को जमानत दी। हाई कोर्ट ने आदेश में कहा कि तथ्यों से लगता है कि सोरेन के खिलाफ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के सभी आरोप आधारहीन हैं। बड़गाई शांतिनगर की जिस 8.86 एकड़ जमीन के मामले में ईडी ने सोरेन को गिरफ्तार किया गया, उस पर कब्जे में उनकी कोई भूमिका नहीं है। हाई कोर्ट ने कहा, हेमंत सोरेन की अप्रत्यक्ष रूप से भी कोई संलिप्तता नहीं दिखती है। न ही जमीन छिपाकर रखने के मामले में प्रोसीड्स ऑफ क्राइम (अपराध की आय) बनता है और न ही राजस्व रिकॉर्ड में प्रत्यक्ष रूप से उनकी संलिप्तता दर्शाता है। हाई कोर्ट ने जमानत अर्जी पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 13 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि ईडी ने 31 जनवरी को सोरेन को गिरफ्तार किया था।

लोकल ट्रेनों में जानवरों की तरह सफर करते हैं यात्री, देखकर आती है शर्मः हाई कोर्ट

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि लोकल के ट्रेनों में यात्री जानवरों की तरह सफर करने के लिए मजबूर हैं। इसे देखकर शर्म आती है। इस संबंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मुंबई के हालात दयनीय हैं। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर ने कहा कि याचिका में बहुत, बहुत गंभीर मुद्दे उठाए गए हैं। आपको (रेलवे अफसरों) को इसका समाधान ढूंढना ही होगा। याचिका मुंबई लोकल पर सफर करने वाले यतीन जाधव ने दायर की है। उन्होंने इसमें भीड़ की वजह से ट्रेन से गिरकर मौत, पटरियों पर हादसों का हवाला दिया है।

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सीबीआई बदनाम करने को झूठ बोल रही

सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति से के कथित घोटाले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। दिन में चली सुनवाई के बाद देर शाम को राउज एवेन्यू की विशेष कोर्ट ने केजरीवाल को तीन दिन की सीबीआई रिमांड पर सौंपने का आदेश दिया। इससे पहले सीबीआई ने केजरीवाल को कोर्ट के समक्ष पेश किया। एजेंसी ने कोर्ट में दावा किया कि केजरीवाल ने कहा है कि एक्साइज पॉलिसी केस से उनका कोई लेना-देना नहीं। उन्होंने सारा आरोप पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर मढ़ा है और इसमें आतिशी सिंह और सौरभ भारद्वाज के शामिल होने की बात कही। इसका विरोध करते हुए केजरीवाल ने कोर्ट में खुद बोलने की अनुमति मांगी। उन्होंने कहा, मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया। सीबीआई झूठ बोल रही है। सारा प्लान हमें बदनाम करने और पार्टी तोड़ने के लिए है। इस पर विशेष जज अमिताभ रावत ने कहा, 'मैंने आपका बयान पढ़ लिया है, आपने सीबीआई के दावे (सिसोदिया पर) जैसा कुछ नहीं बोला है।" केजरीवाल का शुगर लेवल डाउन होने पर कोर्ट ने उन्हें दूसरे कमरे में बैठने की अनुमति दी। ईडी ने आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था।

मुंबई कॉलेज के हिजाब प्रतिबंध के फैसले में दखल देने से HC का इंकार

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को शहर के एक कॉलेज द्वारा अपने परिसर में हिजाब, बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध लगाने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति ए एस चंदुरकर और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की खंडपीठ ने कहा कि वह कॉलेज द्वारा लिए गए फैसले में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं है और इसके खिलाफ नौ छात्राओं द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी, जो विज्ञान डिग्री पाठ्यक्रम के दूसरे और तीसरे वर्ष में हैं। चेंबूर ट्रॉम्बे एजुकेशन सोसाइटी के एनजी आचार्य और डीके मराठे कॉलेज द्वारा एक ड्रेस कोड लागू करने के निर्देश को चुनौती देते हुए छात्रों ने इस महीने की शुरुआत में एचसी का रुख किया, जिसके तहत छात्र परिसर के अंदर हिजाब, नकाब, बुर्का, स्टोल, टोपी और बैज नहीं पहन सकते।

Supreme Court पहुंचा 3 नए कानून का विरोध

नव संशोधित आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023 पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई थी। याचिका दिल्ली के दो निवासियों अंजले पटेल और छाया द्वारा दायर की गई थी, जिसमें तीन कानूनों के शीर्षकों पर आपत्ति जताई गई थी और उन्हें अस्पष्ट और सटीक नहीं बताया गया था। तीन कानूनों के नाम क़ानून या उसके मकसद के बारे में नहीं बताते हैं। तीन कानूनों पर रोक लगाने की मांग करते हुए याचिका में दिसंबर 2023 में संसद में विधेयकों के पारित होने में अनियमितता का भी आरोप लगाया गया।


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