By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 22, 2020
भोपाल। मध्य प्रदेश में विशेषकर राज्य के पश्चिमी जिलों में भारी बारिश होने से निचले इलाकों में जल जमाव होने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है तथा छोटी नदियां और नाले उफान के साथ बह रहे हैं। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार से प्रदेश के भोपाल, सीहोर और इन्दौर सहित पश्चिमी जिलों में लगातार बारिश से छोटी नदियां और नाले उफान पर हैं। भारत मौसम विज्ञानी केन्द्र, भोपाल के मौसम विज्ञानी एस एन साहू ने बताया कि पिछले 24 घंटे में शनिवार सुबह तक सीहोर में 316 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है जो प्रदेश में सबसे अधिक है। वहीं इन्दौर में 263 मिमी, जबकि भोपाल में इस दौरान 210 मिमी वर्षा दर्ज की गयी है।
उन्होंने बताया कि अगले दो दिन तक प्रदेश के पश्चिम भाग में मॉनसून के सक्रिय रहने की संभावना है। भोपाल के निचले इलाकों और कुछ झुग्गी-बस्तियों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है। भोपाल में बड़े तालाब का जलस्तर कम करने के लिये शनि़वार सुबह को तालाब के भदभदा बांध के दरवाजे पानी निकालने के लिये खोल दिये गये। भोपाल के कुछ इलाकों की सड़कें जलमग्न हो गयी हैं। लगातार बारिश के कारण शाहपुरा झील का पानी सड़क पर बहने लगा।
पुलिस ने बताया कि बुंदेलखंड इलाके में छतरपुर जिले के नौगांव में ब्रिटिश काल की एक इमारत शुक्रवार देर रात को बारिश के कारण ढह गयी। यहां परिसर में खड़ी एक खाली बस पर मलबा गिरने से बस क्षतिग्रस्त हो गयी। इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है। शाजापुर जिला मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर दूर तिलवड़ गांव के एक मंदिर में दर्शन करने गईं तीन महिलाएं अचानक आसपास का जल स्तर बढ़ने से वहां अटक गईं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि शनिवार सुबह रस्सियों का उपयोग कर उन्हें बाहर निकाला गया।