By रेनू तिवारी | Apr 21, 2025
जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में भारी बारिश हुई, जिससे घाटी में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा हो गई। इसके अलावा, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में और बारिश की भविष्यवाणी की है। कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज़्यादा घर बह गए। 250 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर हाईवे (NH44) पहाड़ के मलबे के कारण दोनों तरफ से बंद हो गया, जिससे सैकड़ों वाहन फंस गए। यह कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली एकमात्र ऑल-वेदर रोड है।
भारी बारिश के कारण अलग-अलग जगहों पर आई बाढ़
रामबन जिले में रविवार तड़के भारी बारिश के कारण अलग-अलग जगहों पर आई बाढ़ और भूस्खलन में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि बड़ी संख्या में मकान, दुकानें और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। वहीं 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि लगातार बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाशरी और बनिहाल के बीच करीब एक दर्जन स्थानों पर भूस्खलन और मिट्टी धंसने की घटनाएं हुईं जिसके कारण यातायात रोक दिया गया। इससे सैकड़ों वाहन इस मार्ग पर फंस गए हैं। यह 250 किलोमीटर लंबा राजमार्ग कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है।
बागना गांव में बादल फटने से तीन लोगों की मौत
अधिकारियों ने बताया कि सेरी बागना गांव में बादल फटने से तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान अकीब अहमद (12), उसके भाई मोहम्मद साकिब (10) और उनके पड़ोसी मुनिराम (65) के रूप में की गई है। अचानक आई बाढ़ में सड़कें बह जाने के कारण कई गांव जिला मुख्यालय से कट गए। गांव के निवासी मोहम्मद हाफिज ने बताया, ‘‘मैंने अपनी जिदंगी में ऐसा मौसम कभी नहीं देखा। सुबह करीब साढ़े चार बजे बादल फटने की तेज आवाज से मेरी नींद खुली और कुछ ही देर में मदद के लिए चीख-पुकार मच गई।’’
इन तीन लोगों की मौत होने के साथ ही जम्मू क्षेत्र में पिछले दो दिन में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। इससे पहले, रियासी जिले के अरनास इलाके में शनिवार देर रात आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई थी और एक अन्य महिला घायल हो गई थी। अधिकारियों ने बताया कि धर्म कुंड गांव में अचानक आई बाढ़ के कारण करीब 40 मकान क्षतिग्रस्त हो गए।
भारी बारिश, बादल फटने, तेज हवाओं, भूस्खलन और ओलावृष्टि के कारण पूरे जिले में भारी नुकसान हुआ
उन्होंने बताया कि 10 मकान पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गए और शेष को आंशिक क्षति पहुंची। अधिकारियों ने बताया कि लगातार बारिश के बावजूद पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और उन्होंने फंसे हुए 100 से अधिक ग्रामीणों को बचाया। ग्रामीणों को सरकारी स्कूल में आश्रय दिया गया है और प्रशासन उन्हें राशन सहित आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि एक जलधारा के उफान पर होने के कारण कई वाहन बह गए। उपमुख्यमंत्री सुरेन्द्र चौधरी ने रामबन में नेशनल कान्फ्रेंस विधायकों अर्जुन सिंह राजू (रामबन) और सज्जाद शाहीन (बनिहाल) के साथ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद कहा, ‘‘स्थिति खराब है... वापस आने पर मैं अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपूंगा।’’
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश, बादल फटने, तेज हवाओं, भूस्खलन और ओलावृष्टि के कारण पूरे जिले में भारी नुकसान हुआ है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और बाद में (नुकसान का) आकलन किया जाएगा ताकि प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान की जा सके। इस समय हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है।’’
सरकार जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया और कहा कि प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता दी जा रही है। सिन्हा ने कहा कि जिला प्रशासन, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और बचाव दल तेजी से राहत पहुंचाने के काम में लगे हुए हैं। उपमुख्यमंत्री ने रामबन में कहा, ‘‘मेरे दौरे का उद्देश्य लोगों को यह संदेश देना है कि उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार दुख की इस घड़ी में उनके साथ खड़ी है।’’
लोगों को हुए नुकसान की भरपाई करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा
उन्होंने कहा कि उपायुक्त से विस्तृत रिपोर्ट मांगी जाएगी और लोगों को हुए नुकसान की भरपाई करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय गैर सरकारी संगठनों के स्वयंसेवकों के अलावा, पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), नागरिक स्वयंसेवक, सेना और अन्य विभागों तथा एजेंसियों की टीम प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और बहाली कार्यों में सक्रिय रूप से लगी हुई हैं।
प्रशासन बचाव कार्यों में तेजी
रामबन के उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने कहा, ‘‘प्रशासन बचाव कार्यों में तेजी लाने तथा प्रभावित लोगों की सुरक्षा और हित सुनिश्चित करने के लिए सरकारी निर्देशों का तत्परता से क्रियान्वयन कर रहा है।’’ एक अधिकारी ने बताया कि खराब मौसम के मद्देनजर 21 अप्रैल को जिले में सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और तकनीकी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। यातायात विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि नाशरी और बनिहाल के बीच कई स्थानों पर भूस्खलन, मिट्टी धंसने और पत्थर गिरने की घटनाओं के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। उन्होंने बताया कि राजमार्ग से लगे इलाके में बारिश जारी है और लोगों को मौसम में सुधार होने तथा सड़क साफ होने तक मुख्य सड़क पर यात्रा न करने की सलाह दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि पंथियाल के पास भी सड़क का एक हिस्सा बह गया है। उन्होंने बताया कि फंसे हुए सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने त्वरित कार्रवाई करके लोगों की जान बचाने के लिए उपायुक्त बसीर उल हक चौधरी के नेतृत्व वाले जिला प्रशासन की सराहना की। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘रामबन शहर के आसपास के इलाकों समेत रामबन क्षेत्र में रात भर भारी बारिश हुई, कई जगह भूस्खलन हुआ और तेज हवाएं चलीं। राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है, दुर्भाग्य से तीन लोग मारे गए हैं और कुछ परिवारों की संपत्ति का नुकसान हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं उपायुक्त के लगातार संपर्क में हूं। जिला प्रशासन समय पर और त्वरित कार्रवाई के लिए प्रशंसा का पात्र है जिसके कारण कई कीमती जानें बचाने में मदद मिली।’’ उधमपुर से सांसद सिंह ने कहा कि वित्तीय मदद समेत हर तरह की राहत प्रदान की जा रही है। सिंह ने कहा, ‘‘उपायुक्त को बता दिया गया है कि यदि जरूरत पड़ी तो सांसदों के निजी संसाधनों से भी और अधिक सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है। मेरा अनुरोध है कि आप घबराएं नहीं। इस प्राकृतिक आपदा से हम सब मिलकर निपटेंगे।’’ नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि रामबन और बनिहाल इलाकों में बड़े पैमाने पर क्षति की सूचना है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार अपने मंत्रियों को प्रभावित इलाकों में भेज रही है और हम केंद्र से वित्तीय सहायता का अनुरोध भी करेंगे ताकि आपदा से प्रभावित लोगों को पर्याप्त राहत दी जा सके।