राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) टाटा समूह के हटाए गए चेयरमैन साइरस मिस्त्री की उस याचिका को सुनवायी के लिए स्वीकार करने या न करने के बारे में चार मई को सुनवाई करेगा जिसमें उन्होंने कंपनी के अंदर कुप्रबंधन और अल्पांश शेयरधारकों के दमन का अरोप लगाया है। एनसीएलएटी यह भी सुनवाई करेगा कि क्या मिस्त्री को शेयरधारिता की अनिवार्यता के नियमों से छूट दी जा सकती है।
आज सुनवाई के दौरान मिस्त्री खेमे के वकील ने एनसीएलएटी को सूचित किया कि वे राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण की उनकी छूट की अपील को 17 अप्रैल को खारिज करने के आदेश के खिलाफ एक और अपील दायर करेंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता सीए सुंदरम ने कहा कि वे अपील दायर करने की प्रक्रिया में हैं। इसके बाद न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एनसीएलएटी की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 4 मई तय की है। अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलटी की मुंबई पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई कर रहा है। मुंबई पीठ ने मिस्त्री के परिवार की दो कंपनियों की याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि ये कानूनी आधार पर टिकने योग्य नहीं हैं।