By अभिनय आकाश | Aug 02, 2022
भारत में मंकीपॉक्स का छठा मामला सामने आया। दिल्ली में 35 वर्षीय एक नाइजीरियाई व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई। वहीं, देश में मंकीपॉक्स से मौत का पहला मामला केरल में दर्ज किया गया। भारत में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने स्थिति पर नजर रखने के लिए एक कार्यबल गठित किया। राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत और दुनिया में मंकीपॉक्स कोई नई बीमारी नहीं है, 1970 के बाद से अफ्रीका से काफी मामले देखने को मिल रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस पर खास ध्यान दिया है। भारत में भी निगरानी शुरू हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि दुनिया में जब मामले सामने आने लगे तो भारत ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी। केरल में पहले मामले से पहले हमने सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए थे। हमने एक विशेषज्ञ टीम भेजी, राज्य सरकार की मदद की। संपर्क ट्रेसिंग की गई। दुनिया में जब मामले सामने आने लगे तो भारत ने पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी। केरल में पहला मामला सामने आने से पहले हमने सभी राज्यों को दिशानिर्देश जारी किए थे। जो भी केस आए हैं उनके लिए हमने एक विशेषज्ञ टीम भेजी और राज्य सरकार की मदद की है। भारत और दुनिया में मंकीपॉक्स कोई नई बीमारी नहीं है। 1970 के बाद से अफ्रीका से काफी मामले देखने को मिल रहे हैं।
मांडविया ने कहा कि मंकीपॉक्स का अभी तक कोई टीका सामने नहीं आया है और सिर्फ अंकारा में चेचक के नजदीक का एक टीका दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में मंकीपॉक्स के वायरस को ‘‘आइसोलेट’’ किया गया है और इसे वैज्ञानिकों या शोध करने वाले संस्थानों का दिया जाएगा ताकि इसका टीका विकसित किया जा सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस प्रकार भारतीय वैज्ञानिकों ने कोविड-19 रोधी टीकों का ईजाद किया, उसी प्रकार उन्हें मंकीपॉक्स के टीके विकसित करने में भी सफलता मिलेगी।