By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 07, 2020
नयी दिल्ली। महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ जिलों में कोविड-19 के मरीजों में अधिक मृत्यु दर पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को राज्यों से कहा कि वे प्रारंभिक निगरानी, संपर्कों का तेजी से पता लगाने और शुरू में ही रोग निदान जैसे कदमों पर ध्यान केंद्रित करें ताकि इन क्षेत्रों में मौत के मामलों में कमी आ सके। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 126 और लोगों की मौत हो जाने से इस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या बुधवार को बढ़कर 1,694 हो गई, जबकि संक्रमण के मामले बढ़ कर 49,391 हो गये हैं। मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 संक्रमण के 2,958 नये मामले सामने आये हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के मुताबिक छह मई रात नौ बजे तक 12,76,781 नमूनों की जांच की जा चुकी है। संक्रमण के मामले बढ़ने की आशंका को देखते हुए मंत्रालय ने रेलवे के कोचों को कोविड देखभाल केन्द्र बनाने का निर्णय किया है।
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हर्षवर्धन ने गुजरात के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री नितिन भाई पटेल तथा महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में हर्षवर्धन ने अत्यंत गंभीर श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) और इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के मामलों की स्क्रीनिंग और जांच जैसे उचित कदमों की आवश्यकता पर जोर दिया क्योंकि इससे संक्रमण को अन्य क्षेत्रों में फैलने से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मृत्यु दर में कमी लाने के लिए प्रभावी नियंत्रण रणनीति का क्रियान्वयन राज्यों की शीर्ष प्राथमिकता होना चाहिए। नए मामलों को रोकने के लिए सुव्यवस्थित तरीके से रोग निवारण, पहले पहल और समग्र कदम उठाना तथा केंद्र द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करना समय की आवश्यकता है।’’ बैठक में रेखांकित किया गया कि कुछ मामलों में रोगियों ने या तो अपने संक्रमित होने की जानकारी छिपाई या वे उपचार के लिए देरी से अस्पताल पहुंचे। इसकी वजह कोविड-19 को लेकर कोई डर या बदनामी की आशंका हो सकती है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 को लेकर बदनामी जैसी चीजों को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर व्यवहार परिवर्तन अभियान चलाया जाना चाहिए जिससे मामलों की समय पर जानकारी मिलने, चिकित्सीय प्रबंधन और मृत्यु दर में कमी लाने में मदद मिलेगी। महाराष्ट्र और गुजरात में बड़ी संख्या में संक्रमण और मौत के मामलों के चलते हर्षवर्धन ने सुझाव दिया कि निषिद्ध क्षेत्रों में निगरानी टीमों के साथ वार्ड स्तर पर सामुदायिक स्वयंसेवियों की भी पहचान की जानी चाहिए जो हाथ अच्छी तरह धोने और भौतिक दूरी जैसे कदमों के बारे में जागरूकता फैला सकें। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद और पुणे जैसे कुछ जिलों ने यह काम किया है। हर्षवर्धन ने कहा कि मंत्रालय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्यों को पूरा सहयोग देगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि केंद्र के अधिकारियों वाली अतिरिक्त टीमें भी राज्यों में उनके आग्रह के अनुसार तैनात की जाएंगी। उन्होंने राज्यों से ‘आरोग्य सेतु मोबाइल एप’ के प्रचार-प्रसार का भी आग्रह किया और कहा कि वे उन लोगों के लिए ‘आरोग्य सेतु इंटरेक्टिव वॉयस रेस्पांस सिस्टम’ सुविधा को भी प्रचारित करें जिनके पास स्मार्टफोन नहीं हैं।
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केन्द्र ने इस बीच विपक्ष के उन आरोपों को खारिज किया जिनमें कहा गया था कि इससे निजता में सेंध लग सकती है। ‘आरोग्य सेतु’ ऐप के निजता में सेंध लगाने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि यह ‘मोबाइल ऐप’ निजता की सुरक्षा एवं डेटा सुरक्षा के संदर्भ में ‘‘पूरी तरह से मजबूत और सुरक्षित’’ है। पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब फ्रांस के एक हैकर और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ एल्लोट एल्ड्रसन ने मंगलवार को दावा किया था कि ऐप में सुरक्षा को लेकर मसले पाए गए हैं और नौ करोड़ भारतीयों की निजता को खतरा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में बुधवार सुबह तक आए कोरोना वायरस संक्रमण के 49,391 मामलों और मौत के 1,694 मामलों में से महाराष्ट्र सबसे ऊपर है जहां संक्रमण के 15,525 मामले सामने आए हैं और 617 लोगों की मौत हुई है। वहीं, गुजरात दूसरे नंबर पर है जहां संक्रमण के 6,245 मामले सामने आए हैं और 368 लोगों की मौत हुई है।