सोनिया और राहुल को मिले नोटिस पर JP नड्डा का तंज, बोले- क्या अपराधी को कभी अपराध स्वीकार करते सुना है ?

By अनुराग गुप्ता | Jun 01, 2022

भोपाल। नेशनल हेराल्ड से जुड़े धनशोधन के एक मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का नोटिस मिलने पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि क्या आपने कभी किसी अपराधी को यह कहते हुए सुना है कि मैं अपराधी हूं ? दरअसल, सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी ने नोटिस भेजा है। ऐसे में मां-बेटे को 8 जून को 8 जून को ईडी के समक्ष पेश होना पड़ेगा। 

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अपराधी नहीं स्वीकार करता अपनी गलती

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि क्या आपने कभी किसी अपराधी को यह कहते हुए सुना है कि मैं अपराधी हूं ? वे (सोनिया गांधी-राहुल गांधी) निश्चित रूप से इससे इनकार करेंगे, दस्तावेज सबूत हैं। यदि चार्जशीट दायर की जाती है... तो आप इसे रद्द करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे लेकिन उन्होंने ज़मानत मांगी है। इसका मतलब है कि वे दोषी हैं।

ईडी के अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बयान दर्ज करना चाहती है। समाचार पत्र नेशनल हेराल्ड को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) प्रकाशित करता है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है। ईडी ने हाल में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से पूछताछ की थी।

अधिकारियों ने बताया कि ईडी सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से पूछताछ कर वित्तीय लेनदेन,यंग इंडियन के प्रवर्तकों तथा एजेएल की भूमिका के बारे में पता लगाना चाहती है। इस संबंध में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु संघवी ने कहा कि सोनिया गांधी नोटिस का पालन करेंगी। वहीं राहुल गांधी अगर यहां होंगे तो वह जाएंगे अथवा कोई नई तारीख देने का अनुरोध करेंगे। 

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ED है PM मोदी का हथियार

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अंग्रेजी हुकूमत को जड़ से उखाड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साल 1937 में नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला। अंग्रेजो को इस अखबार से इतना खतरा महसूस हुआ कि उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान नेशनल हेराल्ड पर बैन लगा दिया। उन्होंने कहा कि आज फिर आज़ादी के आंदोलन के इस आवाज को दबाने का घिनौना षड्यंत्र रचा जा रहा है जिसके मुखिया स्वयं प्रधानमंत्री हैं और उनका हथियार ईडी है।

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