By अभिनय आकाश | Jun 06, 2024
सबसे बड़े लोकतांत्रिक चुनाव का नतीजा आ चुका है और ये सच में चौंकाने वाला है। 2014 और 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अकेले दम पर बहुमत जुटाया था। लेकिन इस बार ट्रेंड बदला और कोई भी पार्टी 272 का जादुई आंकड़ा नहीं छू पाई है। हालांकि बीजेपी 240 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए के खाते में 293 सीटें आई हैं। ये बहुमत के आंकड़े 272 से 21 ज्यादा है। दिल्ली में 5 जून को दो बड़ी राजनीतिक बैठक हुई। एक मीटिंग सरकार बनाने के लिए हुई तो दूसरी बैठक मोदी को सरकार बनाने से रोकने के लिए हुई। एनडीए की मीटिंग में 293 सांसदों वाली पार्टी के नेता आए। चंद्रबाबू नायडू विजयवाड़ा से आए। नीतीश कुमार पटना से आए। एकनाथ शिंदे मुंबई की टेंशन छोड़कर आए। जयंत चौधरी, चिराग पासवान, जीतनराम मांझी, अनुप्रिया पटेल भी आए। अजित पवार ने प्रफुल पटेल को भेजा। एनडीए की ये बैठक पीएम आवास पर हुई। इसमें एनडीए के नेताओं ने नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना। उन्हें तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव पास किया गया।
क्या नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे?
दिल्ली में दूसरी बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई। जिसमें अखिलेश यादव, अभिषेक बनर्जी, एमके स्टालिन, तेजस्वी यादव जैसे नेता जुटे। इस मीटिंग में मोदी विरोधी अलायंस यही चर्चा करता रहा कि क्या अभी भी कोई रास्ता है जिससे मोदी को रोका जा सके। राहुल गांधी, अखिलेश यादव और उद्धव ठाकरे के चेहरे बता रहे हैं कि मोदी को रोकने के लिए कोई गेम प्लानिंग की गई है। शरद पवार, ममता बनर्जी, स्टालिन के साथ भी ये सारे लोग भले ही मिलकर भी मोदी को हरा नहीं पाए। लेकिन मंद मंद मुस्कुराते नजर आए। चुनावी नतीजों की बाद इंडिया गठबंधन के पार्टनर मिले और उन्हें शपथ लेने से रोकने वाला प्लान रेडी करते रहे। तेजस्वी ने कहा कि मोदी फैक्टर खत्म हो गया। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि बीजेपी की तानाशाही के खिलाफ लोगों ने जाकर ईवीएम का बटन दबाया है।
इंडिया गठबंधन ने तैयार किया कौन सा प्लान?
कुल मिलाकर इंडिया अलायंस की कोशिशे यहीं है कि सारे तंत्र लगा कर, समीकरण बिठा कर किसी भी तरह मोदी को पीएम बनने से रोक दिया जाए। इसके लिए राहुल किसी भी हद तक जा सकते हैं। 99 सीटें जीतने के बाद राहुल की बातों का वजन बढ़ गया है। चेहरे पर रौनक बढ़ गई है। लेकिन कांग्रेस के खिलखिलाते चेहरे की असल वजह उसके द्वारा जीती 99 सीटें नहीं है। राहुल और राहुल की पार्टी इस बात से खुश हैं कि मोदी 272 तक नहीं पहुंच पाए। कांग्रेस इसी बात से खुश है कि मोदी अपने दम पर बहुमत नहीं ला पाए।