हरियाणा का पंजाब से नदी जल बटवारे का विवाद अभी सुलझा नहीं है और राजस्थान से पानी के हक की मांग तेज हो गई है। हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले केन्द्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने आज राजस्थान से हरियाणा आने वाली तीन नदियों कृष्णावती, साहबी और दोहान के पानी में राज्य की हिस्सेदारी देने की मांग की है। सिंह ने बताया कि हरियाणा के भाजपा सांसदों की बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ होने वाली बैठक में भी यह मांग उठाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि 1966 में हरियाणा के पृथक राज्य बनने से पहले राजस्थान के साथ इन तीनों नदियों का पानी उस समय राज्य के दक्षिणी इलाके को दिये जाने का समझौता हुआ था। लेकिन राज्य के बाद इसे राजस्थान ने भुला कर कृष्णावती नदी पर कई छोटे छोटे बांध बनाकर हरियाणा में नदी के प्राकृतिक बहाव को नगण्य कर दिया। इस मुद्दे को 1980 के दशक में हरियाणा की ओर से उठाने पर राजस्थान ने समझौते वजूद को ही नकार दिया। उन्होंने कहा कि हाल ही में उच्चतम न्यायालय द्वारा पंजाब के साथ सतलुज यमुना नहर (एसवाईएल) मामले में हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद राजस्थान के साथ हुए नदी जल समझौते को भी लागू कराने की मांग उठना स्वाभाविक है।
सिंह ने कहा कि एसवाईएल को समझौते की शर्तों के मुताबिक लागू करने का उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद राजस्थान की नदियों से पानी दिलाये जाने की मांग हरियाणा के पानी के हक को दिलाने का दूसरा पड़ाव है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने नदी जल समझौतों का पालन सुनिश्चित कराने को लेकर केन्द्रीय जल अधिकरण बनाने की पहल के मद्देनजर हरियाणा को राजस्थान से मिलने वाले पानी का अधिकार दिलाने की मांग अहम हो गई है। इस बीच सिंह ने एसवाईएल समझौते को भी शर्तों के अनुरूप तत्काल प्रभाव से लागू कराने की जरूरत पर बल दिया।