By Anoop Prajapati | Sep 13, 2024
विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के हाथ में हरियाणा की सत्ता आएगी या नहीं? इसका जवाब 5 अक्टूबर को मतदान और 8 को मतगणना के बाद ही मिल सकेगा। फिलहाल कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करने में जुटी है। फिलहाल पार्टी ने हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों में से 41 पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। शेष 49 सीटों के प्रत्याशियों का ऐलान भी होने ही वाला है। हरियाणा में कांग्रेस उम्मीदवारों के 41 नाम घोषित होते ही भगदड़ मच गई। कई नेताओं ने हाथ का साथ छोड़ दिया और दूसरी पार्टी में चले गए। कांग्रेस में बगावत बढ़ती गई तो दस साल बाद हरियाणा की सत्ता में वापसी का ख्वाब अबकी बार भी अधूरा ही रह जाएगा।
हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी, बगावत
बरोदा में इंदुराज सिंह नरवाल को टिकट मिलने से जीतेंद्र हुड्डा निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं।
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी रहे डॉ. कपूर नरवाल ने तो नरवाल की वजह से पार्टी ही छोड़ दी।
जुलाना में विनेश फोगट की उम्मीदवारी के कारण परमेंद्र सिंह ढुल समेत कई नेता नाराज हो गए।
साढौरा विधानसभा क्षेत्र में रेणु बाला के नामांकन के कारण बृजपाल और पिंकी छप्पर ने पार्टी छोड़ दी है।
नीलोखेड़ी विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री रामकुमार वाल्मीकि ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
शाहबाद विधानसभा क्षेत्र में जेजेपी से आए रामकरण काला की उम्मीदवारी के कारण प्रेम हिंगाखेड़ी नाराज हो गए।
शैलजा कुमारी vs भूपेंद्र सिंह हुड्डा
कांग्रेस नेताओं के बीच गुटबाजी से हरियाणा महासंग्राम 2024 में इनकार नहीं किया जा सकता। सिरसा से सांसद, बड़ा दलित चेहरा और कांग्रेस महासचिव शैलजा कुमारी और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का सियासी टकराव तो खुलकर सामने आ चुका है। शैलजा कुमारी ने सीएम पद की दावेदारी ठोक दी है जबकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी प्रत्याशी तय करने में अपनी चला रहे हैं। आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं होता देख कांग्रेस ने 6 सितंबर 2024 की रात को 32 उम्मीदवारों की दो सूची जारी की है। जिसमें 28 मौजूदा विधायकों पर भी दांव लगाया गया।
कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची में कुमारी शैलजा से ज्यादा भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चली है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के 28 और कुमारी शैलजा गुट के 4 नेताओं को ही टिकट गया है। कुमारी शैलजा ने न्यूज18 इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधा और कहा कि वे अपने घर में तय करें कि मुख्यमंत्री कौन होगा? इंटरव्यू में शैलजा ने खुद को सीएम पद की दावेदार बताया। इससे पहले चुनाव प्रचार के दौरान शैलजा ने यहां तक दिया था कि वे जहां भी जाती हैं। कार्यकर्ता उन्हें सीएम कहकर बुलाते हैं।
कांग्रेस की हरियाणा चुनाव में स्थिति
भाजपा ने हरियाणा में साल 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करके सरकार बनाई। तो वहीं, कांग्रेस बीते 10 साल से हरियाणा की सत्ता से दूर है। पिछले चुनाव में तो भाजपा ने 40 और कांग्रेस ने 31 सीटें जीती थी। भाजपा ने 10 सीटें जीतने वाली जेजेपी से गठबंधन करके सरकार बना ली थी। इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन करना चाहा, मगर बात नहीं बनी। सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन पाने के कारण कांग्रेस सभी 90 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ रही है। हालांकि राहुल गांधी चाहते थे कि कांग्रेस और आम आदमी के बीच गठबंधन हो।