By अंकित सिंह | May 26, 2022
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का आज शपथ ग्रहण हुआ। इस शपथ ग्रहण में कई माननीय शामिल हुए। हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री और चांदनी चौक से सांसद डॉक्टर हर्षवर्धन को लेकर आज भ्रम की स्थिति रही। दरअसल, डॉक्टर हर्षवर्धन दिल्ली के नए उपराज्यपाल विनय सक्सेना के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। हालांकि सीट की स्थिति को लेकर भ्रम पैदा हुई जिसकी वजह से वह लौट गए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैं दिल्ली का सांसद हूं। इस कार्यक्रम में संसद सदस्यों तक के लिए सीट नहीं रखी हुई थी। यही कारण था कि डॉक्टर हर्षवर्धन नाराज हुए और वापस चले गए। इतना ही नहीं, भाजपा सांसद ने कहा है कि वह इस बदइंतजामी के लिए उपराज्यपाल से शिकायत भी करेंगे।
इसके बाद हर्षवर्धन की ओर से ट्वीट भी किया गया। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि मीडिया में गलत रिपोर्टिंग की जा रही है कि मनपसंद सीट नहीं मिलने के कारण उपराज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह से चला गया। एक अधिकारी ने मुझे जहां बैठाया वहां बैठ गया, दूसरे अधिकारी ने सीट रिजर्व बता कर उठा दिया तो उठ गया! 15 मिनट इंतजार किया कि कहीं सीट दी जाएगी। नहीं दी, तो लौट आया! उन्होंने आगे लिखा कि बहुत अफसोस है कि मैं जिस दिल्ली का सांसद हूँ,और जहां सार्वजनिक जीवनभर सक्रिय रहा, वहां के नये उपराज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो सका! दूसरी ओर जब अधिकारियों को पता चला कि डॉक्टर हर्षवर्धन नाराज होकर वापस चले गए हैं तो वहां हड़कंप मच गया।
दिल्ली के 22 वें उपराज्यपाल पद की शपथ लेने के बाद इस बारे में पूछे जाने पर सक्सेना ने मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कोई टिप्पणी नहीं की। उपराज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के सातों लोकसभा सदस्यों समेत दिल्ली के सभी सांसदों को आमंत्रित किया गया था। उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी एवं पश्चिम दिल्ली के सांसद परवेश वर्मा को सोफे पर पिछली पंक्ति में बैठे देखा गया। इस मामले में उपराज्यपाल कार्यालय से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इस समारोह में केंद्रीय मंत्रि गिरिराज सिंह और मीनाक्षी लेखी भी मौजूद थीं।