By Anoop Prajapati | Dec 13, 2024
दिल्ली के दिग्गज कांग्रेस नेता हारून यूसुफ राजधानी की राजनीति में पार्टी के एक एक जाने माने चेहरा हैं। उन्होंने श्रीमती शीला दीक्षित की अध्यक्षता वाली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की दिल्ली सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग और उद्योग विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। उन्होंने बल्लीमरान विधानसभा सीट पर दिल्ली राज्य के गठन से लेकर 2015 तक लगातार राज किया है। शीला दीक्षित ने उनको अपनी कैबिनेट में भी शामिल किया था।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
यूसुफ का जन्म 6 मार्च 1958 को दिल्ली में मोहम्मद यूसुफ के घर हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज से एम.कॉम. की पढ़ाई की । 1988 में उन्हें दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस का सचिव चुना गया और उन्होंने अखिल भारतीय युवा कांग्रेस विंग के एंटी-नारकोटिक सेल के अध्यक्ष का पदभार संभाला और 1989 में उन्हें अखिल भारतीय युवा कांग्रेस विंग का संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया।
राजनीतिक सफर
वह 1993 में पहली बार बल्लीमारान से दिल्ली विधानसभा के लिए चुने गए थे और तब से 2015 तक हर विधानसभा चुनाव में उसी निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे। 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में वह बल्लीमारान निर्वाचन क्षेत्र से पांचवीं बार चुने गए थे। वह दिल्ली वक्फ बोर्ड के पहले निर्वाचित अध्यक्ष (1999-2004) हैं।
2001 में वे दिल्ली सरकार में विकास, राजस्व, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण तथा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग मंत्री बने।
2003 में वे विद्युत एवं परिवहन मंत्री बने।
2008 में उन्होंने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा उद्योग विभाग के मंत्री का पद संभाला।
2015 के दिल्ली विधान सभा चुनाव में वह पहली बार आम आदमी पार्टी के इमरान हुसैन से 43,913 मतों से चुनाव हार गए।
2020 के दिल्ली विधान सभा चुनाव में वह दूसरी बार आम आदमी पार्टी के इमरान हुसैन से 60,842 मतों से हार गए थे।