By अनन्या मिश्रा | Apr 06, 2023
आज यानि की 6 अप्रैल गुरुवार को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जा रही है। चैत्र पूर्णिमा तिथि को हर साल हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, चैत्र पूर्णिमा तिथि के मंगलवार को हनुमान जी का जन्म हुआ था। हनुमान जी पूजा अर्चना से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। हनुमान जी की पूजा सच्चे मन से करने से वह अपने भक्त की हर मनोकामना पूरी कर देते हैं। उनकी कृपा से कार्य सफल होने लगते हैं। रोग, दोष, संकट और भय आदि पल में दूर होते हैं। हनुमान नाम का स्मरण करने से ही सभी तरह की नकारात्मक शक्तियां दूर भाग जाती हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको हनुमान जन्मोत्सव का मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, पूजन विधि आदि के बारे में बताने जा रहे हैं।
हनुमान जन्मोत्सव मुहूर्त 2023
चैत्र पूर्णिमा तिथि की शुरूआत: 5 अप्रैल दिन बुधवार, सुबह 09:19 मिनट से
चैत्र पूर्णिमा तिथि का समापन: 6 अप्रैल दिन गुरुवार, सुबह 10:04 मिनट पर
हनुमान जयंती सुबह का पूजा मुहूर्त: 06:06 बजे से 07:40 बजे तक, शुभ उत्तम मुहूर्त है।
दोपहर लाभ उन्नति मुहूर्त: 12:24 बजे से 01:58 बजे तक
हनुमान जन्मोत्सव शाम का पूजा मुहूर्त: 05:07 बजे से रात 08:07 बजे तक।
शाम में शुभ उत्तम मुहूर्त: 05:07 बजे से 06:42 बजे तक
शाम में अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त: 06:42 बजे से रात 08:07 बजे तक
हनुमान जयंती का अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक
पूजन और भोग
हनुमान जी का पूजन आदि करने के लिए सबसे पहले उनकी मूर्ति या तस्वीर ले लें। इसके बाद उनको चढ़ाने के लिए खड़ाऊ, जनेऊ, वस्त्र, हनुमान चालीसा, लाल फूल, चमेली का तेल, गाय का घी, दीपक, पान का बीड़ा, सिंदूर, अक्षत्, फल, माला, अगरबत्ती, इलायची, लौंग, लाल लंगोट, धूप, मोतीचूर के लड्डू, गुड़, काला चना, बूंदी या बूंदी के लड्डू, बेसन के लड्डू, हनुमान जी का ध्वज, शंख, घंटी आदि रख लें।
हनुमान पूजा मंत्र
ओम हं हनुमते नम:
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥
पूजा विधि
सबसे पहले सुबह जल्दी स्नान आदि कर लाल वस्त्र धारण करें और सूर्य देव की उपासना करें। फिर हनुमान जन्मोत्सव व्रत और पूजा का संकल्प करें। बता दें कि हनुमान जी की पूजा से पहले भगवान श्री राम की पूजा करना न भूलें। सुबह-शाम को पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित करें। फिर उनका जल से अभिषेक करें।
इसके बाद हनुमान जी को जनेऊ, खड़ाऊं या चरण पादुका, वस्त्र, लाल लंगोट आदि चढ़ाएं। फिर रोली या चंदन से उनका तिलक कर फूल, अक्षत् आदि अर्पित करें। हनुमान जी को धूप-दीप दिखाएं। अब हनुमान जी को चमेली का तेल और सिंदूर का चोला चढ़ाएं। इसके बाद भोग लगाएं।
पूजा की इस प्रक्रिया के दौरान हनुमान मंत्र का उच्चारण करते रहें। पूजन करने के बाद सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण आदि का पाठ करें। फिर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर हनुमान जी की आरती करें। शाम को भी इसी तरह उनका पूजन करें। पूजा के बाद हनुमान जी से क्षमायाचना करें। हनुमान जी के पूजन से धन-संपत्ति, साहस, पराक्रम और बल-बुद्धि आदि में वृद्धि का आशीर्वाद मांगे। दूसरे दिन व्रत का पारण कर व्रत को पूरा करें।