भारतीय बल्लेबाज हनुमा विहारी ने आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन के दावों का खंडन किया है। इसमें उन्होंने जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया था।
दरअसल, हनुमा विहारी ने रणजी के बाद राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण अपनी कप्तानी की कीमत चुकाने को लेकर आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि वह फिर कभी आंध्र के लिए नहीं खेलेंगे। 25 मार्च को एसीए ने विहारी को ईमेल पर नोटिस भेजकर उनकी टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण मांगा था। ईएसपीएन की रिपोर्ट के अनुसार विहारी ने कहा कि उन्होंने अपने साथ हुए अनुचित व्यवहार के बारे में तथ्यों को सामने रखा।
विहारी ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो को बताया कि, मैं बाहर जाना चाहता हूं और दूसरी टीम के लिए खेलना चाहता हूं। मैंने एसीए से अनापत्ति प्रमाणपत्र मांगा है। मैं जवाब का इंतजार कर रहा हूं।
एसीए के एक अधिकारी ने नाम छिपाने की शर्त पर पीटीआई को बताया कि, हां हमने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा है और हम जवाब का इतंजार कर रहे हैं। ये सिर्फ ये पता लगाने के लिए है कि उसने पिछले महीने किस तरह की प्रतिक्रिया दी थी। वह हमारे पास नहीं पहुंचा है, इसलिए ये उसके लिए अपनी शिकायतें सामने लाने का मौका है।
आखिरकार, हनुमा विहारी और राज्य क्रिकेट के विकास में उनके योगदान को महत्व देते हैं क्योंकि उन्होंने आंध्र कोघरेलू क्रिकेट में आगे बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभाई है।