By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 12, 2020
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि राज्यसभा में अस्थायी रिक्तियों को भरने के लिए उपचुनाव कराने की खातिर अलग से अधिसूचना जारी करने को लेकर चुनाव आयोग की शक्तियों के मुद्दे पर वह आधिकारिक घोषणा करना चाहेगा। शीर्ष अदालत कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कांग्रेस नेता गौरव पंड्या की याचिका भी शामिल है। पंड्या ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को राज्यसभा में चुने जाने को चुनौती दी है। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना तथा हृषिकेश राय की पीठ ने गुजरात से दो सीटों के लिए पिछले वर्ष राज्यसभा उपचुनाव से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई चार हफ्ते के लिए स्थगित कर दी। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि इस मुद्दे पर आधिकारिक घोषणा की जानी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि राज्यसभा में रिक्तियों को भरने के लिए नियमित एवं अस्थायी चुनाव कराने से जुड़े चुनाव आयोग की शक्तियों के बारे में कई कानूनी सवाल हैं। जयशंकर और भाजपा के एक अन्य उम्मीदवार की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और सतपाल जैन पेश हुए। वे गुजरात से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। जैन ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि उच्चतम न्यायालय का कोई आधिकारिक फैसला नहीं है कि एक से अधिक सीट पर चुनाव अलग-अलग होंगे या एक साथ, इसलिए ‘‘इस मुद्दे पर हमें आधिकारिक निर्णय देने की जरूरत है।’’ जयशंकर ने उच्चतम न्यायालय में वकील स्वरूपमा चतुर्वेदी के माध्यम से कैविएट दाखिल किया है जिसमें मांग की गई है कि गुजरात उच्च न्यायालय के चार फरवरी के फैसले के खिलाफ दायर किसी भी याचिका पर अदालत को निर्णय करने से पहले उनका पक्ष सुना जाए। उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता गौरव पंड्या की याचिका को खारिज कर दिया था, जिन्होंने राज्यसभा में जयशंकर के निर्वाचन को चुनौती दी थी। केंद्रीय मंत्री अमित शाह और स्मृति ईरानी की खाली सीट पर पिछले वर्ष पांच जुलाई को हुए उपचुनाव में जयशंकर और जुगलजी ठाकोर निर्वाचित हुए थे।