By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 02, 2019
अहमदाबाद। गुजरात उच्च न्यायालय ने गुजरात क्रिकेट संघ (जीसीए) और राज्य में दो अन्य क्रिकेट संघों को आयकर में मिली छूट को बरकरार रखते हुए कहा है कि उनकी गतिविधियों की प्रकृति बीसीसीआई की तरह वाणिज्यिक नहीं है। न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति ए सी राव की खंडपीठ ने आयकर अपीली न्यायाधिकरण के उस आदेश को पिछले सप्ताह बरकरार रखा जिसमें जीसीए, बड़ोदा क्रिकेट संघ और सौराष्ट्र क्रिकेट संघ को मिली छूट को सही ठहराया गया है क्योंकि वे ‘सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम’ के तहत धर्मार्थ ट्रस्ट के तौर पर पंजीकृत हैं।
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अदालत ने कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि तीनों संघों ने कोई भी लाभ संगठन के बाहर वितरित नहीं किया है। यदि कोई लाभ हुआ है तो उसे क्रिकेट के विकास और उसे प्रोत्साहित करने में लगाया गया है इसलिए ऐसा नहीं कहा जा सकता कि इन संघों ने वाणिज्यिक गतिविधियां की हैं।