मुंबई। रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से न केवल एक राष्ट्रीय बाजार बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे कर आधार भी बढ़ेगा और दीर्घावधि में कुल कर का बोझ कम होगा। जीएसटी को एक जुलाई से लागू किया जा रहा है। पटेल ने आज यहां आईएमसी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में कहा, 'महत्वपूर्ण बात यह है कि जीएसटी खुद डिजिटल क्रांति का हिस्सा है। इसमें कर दायरे को उल्लेखनीय रूप से विस्तृत करने करने की क्षमता है।'
जीएसटी के लिए चार कर स्लैब तय किए गए हैं। जीएसटी को 30 जून मध्यरात्रि को लागू करने की घोषणा की जाएगी। जम्मू-कश्मीर को छोड़कर अन्य सभी राज्यों ने जीएसटी के क्रियान्वयन से संबंधित कानूनों को पारित कर दिया है। उन्होंने कहा कि नई समान कराधान व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इससे कर आधार व्यापक होगा और अन्य पहलों मसलन ई भुगतान और डिजिटलीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा। पटेल ने कहा कि जीएसटी से न केवल राष्ट्रीय बाजार बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि राज्यों के बीच वस्तुओं के राज्य के भीतर या देश में परिवहन के दौरान कई तरह की खामियों को दूर किया जा सकेगा।
फिनटेक की चर्चा करते हुए गवर्नर ने कहा कि वित्तीय सेवाओं में प्रौद्योगिकी आधारित नवोन्मेषण से वित्तीय क्षेत्र के स्थायित्व को लेकर अवसर और जोखिम दोनों पैदा होंगे और नीति निर्माताओं, नियामकों और निरीक्षकों को इन मुद्दों का हल निकालना होगा।