By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 19, 2019
नयी दिल्ली। कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि सारदा चिट फंड घोटाले के सिलसिले में सीबीआई ने उनसे पांच दिनों में 40 घंटे तक पूछताछ की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह बहुत ही रहस्यमय था कि एजेंसी ने उनसे पूछताछ का बड़ा फैसला तीन फरवरी को क्यों लिया जो तत्कालीन अंतरिम सीबीआई निदेशक एम नागेश्वर राव का अंतिम दिन था।
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न्यायालय ने पांच फरवरी को चिट फंड घोटाले के संबंध में कुमार को हर समय जांच एजेंसी के साथ ईमानदारी से सहयोग करने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने आदेश दिया था कि एजेंसी उनकी गिरफ्तारी सहित कोई भी कठोर कदम नहीं उठाएगी। यह आदेश तीन फरवरी की घटना के दो दिन बाद आया था जिसमें सीबीआई ने आरोप लगाया था कि उसके अधिकारी कुमार से पूछताछ करने गए थे और उन्हें पुलिस हिरासत में बंद कर दिया गया।
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एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया था कि राज्य पुलिस ने उसके संयुक्त निदेशक विकास श्रीवास्तव के आवास को घेर लिया था। कुमार ने अपने हलफनामे में दावा किया कि उन्होंने सीबीआई के सभी सवालों के संतोषप्रद जवाब दिए। सीबीआई ने मेघालय में शिलांग के तटस्थ स्थान पर पांच दिनों में 40 घंटे तक पूछताछ की। उन्होंने कहा कि वह आठ फरवरी की शाम शिलांग पहुंचे और नौ फरवरी को सुबह 11 बजे जांच में शामिल हुए।