By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 25, 2019
स्टाकहोम। जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में राष्ट्रों की अकर्मण्यता के खिलाफ युवा आंदोलन की आवाज बन चुकी स्वीडिश किशोरी ग्रेटा थनबर्ग को ‘राइट लाइवलीहुड अवार्ड’ से बुधवार को सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार को ‘वैकल्पिक नोबेल पुरस्कार’’ भी कहा जाता है।
‘राइट लाइवलीहुड फाउंडेशन’ ने एक बयान में बताया कि थनबर्ग को ‘‘जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई की राजनीतिक मांग को तेज करने और लोगों को प्रेरित करने’’ के लिए सम्मानित किया गया। उसने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते संकट को बर्दाश्त नहीं करने के उनके संकल्प ने लाखों लोगों को आवाज उठाने और इस संकट से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग करने के लिए प्रेरित किया है।
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जलवायु परिवर्तन से निपटने को लेकर थनबर्ग की मुहिम ‘‘फ्राइडे फॉर फ्यूचर’’ अगस्त 2018 में उस समय आरंभ हुई थी, जब उन्होंने स्वीडन की संसद के सामने ‘‘जलवायु के लिए स्कूल हड़ताल’’ के बोर्ड के साथ अकेले बैठकर प्रदर्शन करना शुरू किया था। उनके इस संदेश ने दुनियाभर के युवाओं को प्रेरित किया। उनसे प्रेरित होकर 150 से अधिक देशों के करीब 40 लाख से अधिक लोगों ने पिछले शुक्रवार ‘‘वैश्विक जलवायु हड़ताल’’ में भाग लिया और नेताओं से जलवायु आपदा से निपटने के लिए कार्रवाई की मांग की।
इस साल के ‘राइट लाइवलीहुड’ पुरस्कार से सहरावी मानवाधिकार कार्यकर्ता अमिनातोउ हैदर, वकील गोउ जियानमेई और ब्राजील के हुतुकारा यानोमामी एसोसिएशन एवं उसके नेता दावी कोपेनावा को भी सम्मानित किया गया। पुरस्कार विजेता के कार्य को समर्थन देने के लिए विजेता को 10 लाख स्वीडिश क्रोनर (10 लाख तीन हजार डॉलर या 94000 यूरो) की इनामी राशि प्रदान की जाती है।