बर्मिंघम। भारतीय कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले के बीच कथित मतभेदों के बारे में आस्टेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क का मानना है कि महान रिश्तों में अधिक बड़ी चुनौतियां होती हैं। क्लार्क ने कहा, 'किसी भी रिश्ते में खुलेपन और ईमानदारी की जरूरत होती है। क्रिकेट में भी ऐसा ही है जिसमें एक कप्तान और एक कोच होता है। आपको ईमानदार रहना होता है।' उन्होंने कहा, 'मतभेद होना लाजमी है लेकिन उन्हें कमरे के भीतर सुलझाया जा सकता है। किसी भी अच्छे रिश्ते में चुनौतियां भी बड़ी होती है।' उन्होंने कहा कि कुंबले और कोहली के मामले में उनका कुछ कहना गलत होगा क्योंकि वह ड्रेसिंग रूम का हिस्सा नहीं हैं। क्लार्क ने कहा, 'मैं अनिल कुंबले को जानता हूं जो बेहतरीन इंसान है। कोच का काम ड्रेसिंग रूम में मौजूद कप्तान की मदद करना है। मुझे नहीं पता कि क्या मसला है क्योंकि मैं ड्रेसिंग रूम का हिस्सा नहीं हूं।' विश्व कप विजेता कप्तान ने हालांकि कहा कि क्रिकेट टीमें कप्तान चलाते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि निर्णायक क्षणों में जिम्मेदारी कप्तान की होती है। मैदान के भीतर टीम की कमान विराट के हाथ में है। उसे ही तनाव के हालात में फैसले लेने होंगे।' उन्होंने कहा, 'इस खेल में नतीजा अहम है और कप्तान का आकलन जीत हार के आधार पर ही किया जाता है।'
अब जाने माने क्रिकेट विशेषज्ञ बने क्लार्क ने पिता और पुत्र के रिश्ते का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, 'बच्चों के लालन पालन की कोई एक शैली नहीं होती। हर किसी की अपनी शैली होती है क्योंकि हर बच्चा समान नहीं होता। क्रिकेट में भी ऐसा ही है। क्लार्क की कप्तानी की शैली जुदा थी लेकिन वह विराट के जुनून और आक्रामकता के कायल हैं। उन्होंने कहा, 'विराट शानदार कप्तान है। वह काफी प्रतिस्पर्धी है और उसी तरह से कप्तानी करता है। अब तक तकनीकी तौर पर वह बेहतरीन साबित हुआ है।' चैम्पियंस ट्राफी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि आस्टेलिया के बाहर होने पर अब उन्हें भारत और इंग्लैंड के बीच फाइनल की संभावना नजर आ रही है। उन्होंने कहा, 'आस्टेलिया बाहर हो चुका है और इंग्लैंड भी प्रबल दावेदार है। वह फाइनल में जाने का हकदार था। मुझे लगता है कि भारत और इंग्लैंड के बीच फाइनल होगा।'