By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 10, 2020
नयी दिल्ली। सरकार ने नियुक्तियों एवं पदोन्नति में आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर सोमवार को लोकसभा में कहा कि वह इस मुद्दे पर पक्षकार नहीं है और इस बारे में उच्च स्तर पर विचार किया जा रहा है। सदन में इस मुद्दे पर दिए गए वक्तव्य में गहलोत ने यह भी कहा कि इस संदर्भ में केंद्र सरकार पक्षकार नहीं थी और इस पर उससे कोई शपथ पत्र भी नहीं मांगा गया। उन्होंने कहा कि यह मामला 2012 का है जब उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार थी।
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मंत्री ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर सरकार समग्र रुप से विचार करेगी। इस पर कांग्रेस ने सदस्यों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन आसन ने अनुमति नहीं मिलने पर वह और कांग्रेस के अन्य सदस्य सदन से वाकआउट कर गए।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय के एक फैसले को लेकर सदन में कांग्रेस एवं कुछ विपक्षी दलों ने सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है और कांग्रेस का ऐसे मुद्दे पर राजनीति करना ठीक नहीं है। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है।
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