By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 23, 2022
केंद्र सरकार कम बारिश वाले राज्यों में दलहन और तिलहन के बीज के पैकेट वितरित करेगी। इन राज्यों में कम और अनियमित बरसात से सर्दियों की फसल की बुवाई जल्द शुरू होने की उम्मीद के बीच यह निर्णय किया गया है। आमतौर पर खरीफ फसलों की कटाई के बाद अक्टूबर से नवंबर के पहले पखवाड़े तक रबी (सर्दी) फसलों की बुवाई की जाती है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, खरीफ मौसम में कुछ राज्यों में अनियमित और कम बारिश से रबी फसलों खासकर दलहन और तिलहन की बुवाई जल्द शुरू होने की जरूरत हो गयी है।
बयान के अनुसार, सरकार का ध्यान राज्यों में मानसून की कमी वाले क्षेत्रों में दलहन और तिलहन के बीज के पैकेट (मिनीकिट) उपलब्ध कराने पर है। बीजों के पैकेट राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) और नाफेड जैसी केंद्रीय एजेंसियां प्रदान कर रही हैं। बीज वितरण का खर्चा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के माध्यम से केंद्र सरकार उठाती है। सरकार ने दलहन की बुवाई को बढ़ावा देने के लिये 11 राज्यों के लिये मसूर और उड़द के 4.54 लाख बीज के पैकेट और मसूर के 4.04 लाख बीज पैकेट आवंटित किये हैं।
इसका उद्देश्य विशेष रूप से कम बारिश से प्रभावित उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार में रबी मौसम में फसलों की बुवाई में तेजी लाना है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह कुल आवंटन का 33.8 प्रतिशत है तथा कम बारिश वाले तीन राज्यों के लिये पिछले साल से 39.4 प्रतिशत ज्यादा है।’’ सरकार 2022-23 से विशेष कार्यक्रम ‘तुअर, मसूर, उड़द-370’ का भी क्रियान्वयन कर रही है। इसके तहत 120 जिलों में मसूर और 150 जिलों में उड़द का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। तिलहन को बीज के करीब 8.3 लाख पैकेट के वितरण के जरिये बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें किसानों को सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, कुसुम और अलसी जैसी विभिन्न फसलों के 39.22 करोड़ रुपये मूल्य के बीज दिये जा रहे हैं।