By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 05, 2023
केंद्रीय इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को कहा कि उनका मंत्रालय ‘रिसाइकिल’ यानी पुनर्चक्रित इस्पात को बढ़ावा दे रहा है। इसके तहत प्राथमिक इस्पात उत्पादकों द्वारा 2047 तक कच्चे माल के रूप में 50 प्रतिशत पुनर्चक्रित इस्पात के इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग वाली अर्थव्यवस्था बनाने के सरकार के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। इस समय प्राथमिक इस्पात उद्योग में पुनर्चक्रित इस्पात के इस्तेमाल का स्तर करीब 15 प्रतिशत है।
जबकि यह उद्योग कुल घरेलू इस्पात उत्पादन में 22.5 प्रतिशत का योगदान देता है। मंत्री ने यहां पदार्थ पुनर्चक्रण पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। तीन दिन तक चले इस सम्मेलन का आयोजन ‘मैटेरियल रिसाइकलिंग एसोसएिशन ऑफ इंडिया’ ने किया। इसमें 38 देशों के 2,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सिंधिया ने कहा कि आने वाले वक्त में उद्योग को प्राकृतिक संसाधनों के दोहन कोकम करते हुए पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार 2030 तक इस्पात क्षेत्र में कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में पांच प्रतिशत कमी के लिए प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में पुनर्चक्रित इ्स्पात का इस्तेमाल बेहद अहम है। उन्होंने कहा, इस समय प्राथमिक इस्पात उत्पादन में कबाड़ का इस्तेमाल केवल 15 प्रतिशत है। हम अगले पांच वर्षों में इसे बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने पर जोर देंगे, और 2047 तक इसे 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य है।