By दिनेश शुक्ल | Nov 05, 2020
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक सप्ताह पहले फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन और रैली करने वाले कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद पर शिवराज सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एक दिन पहले पुलिस ने विधायक आरिफ मसूद सहित जहाँ सात लोगों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की थी। वही गुरूवार सुबह प्रशासन ने बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया विधायक द्वारा किए गए अवैध निर्माण बुलडोजर चलाया। यहां विधायक आरिफ मसूद का कॉलेज और स्कूल संचालित होता है।
भोपाल के बड़े तालाब से सटे खानूगांव में गुरुवार सुबह कार्रवाई के लिए निगम अमला और पुलिस बल मौके पर पहुंच था। यहां पर मसूद का कॉलेज भी है। विरोध को देखते हुए 200 से अधिक पुलिस अधिकारी और निगम अमला तैनात किया था। डीआईजी इरशाद वली ने बताया कि अतिक्रमण के खिलाफ खानूगांव में कार्रवाई की जा रही है। सुरक्षा और विरोध को रोकने के लिए पुलिस बल निगम की मदद कर रहा है। भारी पुलिस बल के साथ अवैध निर्माण तोड़ने जिला प्रशासन की टीम ने यह निर्माण तोड़ने का काम किया। वही खानूगांव स्थित आरिफ मसूद के कॉलेज-स्कूल में हलचल देखी गई। यहां पर प्रशासन के पहुंचने के पहले की काफी संख्या में कर्मचारी भी कॉलेज पहुंच गए थे। हालांकि अवैध निर्माण तोड़ने गई जिला प्रशासन की टीम कार्यवाही को लेकर स्पष्ट तौर पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
इस बीच कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि मेरा शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट था मैंने कभी किसी के धर्म के बारे में बुरा नहीं बोला। मेरे धर्म के बारे में जब बुरा बोला गया उसका रिएक्ट करने का मुझे संवैधानिक अधिकार है। सरकार मुझ पर दबाव बना रही है। मुझे जानकारी मिली कि खानूगांव स्थित मेरे कॉलेज के एक हिस्से को तोड़ दिया गया है जबकि न्यायालय से मुझे परमिशन मिल चुकी है। यह बीजेपी सरकार दमन और डराने का काम कर रही है। हम लोकतंत्र और संविधान पर भरोसा करने वाले लोग है, घबराने की ज़रूरत नहीं है। हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। बच्चों को अगर खुले मैदान में भी पढ़ाना पढ़े तो हम पढ़ाएंगे ज़रूर। सरकार ने मुझ पर दबाव बनाने के लिए कार्रवाई की है।
भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भीड़ को एकत्रित कर भोपाल के इकबाल मैदान में फ्रांस का झंडा और वहां के राष्ट्रपति का पुतला जलाया था। इस दौरान भाषण में मसूद ने कहा कि केंद्र और राज्य की हिंदूवादी सरकार के मंत्री भी फ्रांस के कृत्य का समर्थन कर रहे हैं। हम फ्रांस के साथ हिंदुस्तान की सरकार को भी चेतावनी देते हैं कि यदि सरकार ने फ्रांस का विरोध नहीं किया तो हम हिंदुस्तान में भी ईंट से ईंट बजा देंगे। पहले तो पुलिस ने इस मामले में सिर्फ धारा 144 के उल्लंघन का मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में सरकार के रुख के चलते धार्मिक भावनाएं भड़काने की धाराओं में मासूद समेत 7 लोगों पर एफआईआर की गई।