By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 28, 2017
सरकार ने खाद्य कानून के तहत राशन की दुकानों के जरिये बेचे जाने वाले अनाज का मूल्य एक साल और नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। पूर्व संप्रग शासन के दौरान वर्ष 2013 में पारित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत अनाज के दाम में हर तीन साल बाद समीक्षा का प्रावधान है। फिलहाल इस कानून के तहत सरकार देश में 81 करोड़ लोगों को एक से तीन रुपये किलो के भाव पर अनाज उपलब्ध करा रही है। इससे सरकारी खजाने पर सालाना 1.4 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ रहा है।
खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने ट्विटर पर लिखा है, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनएफएसए के तहत एक और वर्ष के लिये खाद्यान्न की कीमत नहीं बढ़ाने का ऐतिहासिक फैसला किया है।' उन्होंने लिखा है कि कीमत नहीं बढ़ाने का फैसला करके सरकार ने वंचित वर्ग की बेहतरी के लिये प्रतिबद्धता दिखायी है। सरकार देशभर में फैली पांच लाख राशन की दुकानों के जरिये हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज सस्ती दर पर आपूर्ति कर रही है। इसके तहत चावल तीन रुपये किलो, गेहूं दो रुपये तथा मोटा अनाज एक रुपये किलो पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। खाद्य सुरक्षा कानून नवंबर 2016 से देशभर में लागू किया गया है। पासवान ने हाल ही में कहा है कि आने वाले समय में सरकार का सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत पंजीकृत गरीब लोगों को 'पोषण सुरक्षा' देने पर ध्यान रहेगा।