By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 18, 2022
नयी दिल्ली| सरकार ने कोविड-19 को लेकर दवाओं के उपयोग और उपचार पद्धतियों पर संशोधित दिशानिर्देश किए हैं। संशोधित दिशानिर्देश अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर)-कोविड-19 राष्ट्रीय कार्यबल एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत संयुक्त निगरानी समूह (डीजीएचएस) ने जारी किए हैं।
इनमें कहा गया है कि एंटी इंफ्लामेटरी या इमम्युनोमोड्यूलेटरी उपचार पद्धतियों यथा स्टोराइड के साथ यह भी जोखिम जुड़ा रहता है कि जब इन्हें बहुत पहले दे दिया जाए या अधिक खुराक दी जाए अथवा आवश्यकता से अधिक खुराक दी जाए तो इनसे द्वितीय संक्रमण हो सकता है।
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि इंजेक्शन मेथेपरेडनिसोलोन 0.5 से 01 एमजी:केजी की दो विभाजित खुराकों में या इसके समतुल्य डेक्सामीथासोन की खुराक पांच से दस दिनों तक मामूली हालात वाले मामलों में दी जा सकती है। इसी दवा की 01 से 02 एमजी:केजी की दो विभाजित खुराकों को इसी अवधि के लिए गंभीर मामलों में दिया जा सकता है। इसमें ब्यूडेसोनाइड के ‘इनहेलेशन’ का भी सुझाव दिया गया है।
यह दवा उन मामलों में दी जा सकती है जब रोग होने के पांच दिन बाद भी बुखार और खांसी बनी रहती है। यदि दो-तीन सप्ताह बाद भी खांसी बनी रहती है तो रोगी की तपेदिक की जांच कराने की सलाह दी गयी है। संशोधित दिशानिर्देशों में रोगियों में मामूली से लेकर गंभीर लक्षण होने पर रेमडेसिवर के आपातकालीन या ‘ऑफ लेबल’ उपयोग की अनुमति दी गयी है।
इसका उपयोग केवल उन्हीं रोगियों पर किया जा सकता है जिनको कोई भी लक्षण होने के 10 दिन के भीतर ‘रेनल’ या ‘हेप्टिक डिस्फंक्शन’ की शिकायत न हुई हो। इसमें आगाह किया गया है कि जो रोगी ऑक्सीजन कृत्रिम तरीके से नहीं ले रहे हैं या घर में हैं, उन पर इस दवा का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, रोग से बुरी तरह प्रभावित होने और विशेष रूप से रोग की गंभीरता या गहन चिकित्सा केंद्र (आईसीयू) में भर्ती होने के 24 से 48 घंटे के बीच रोगी को आपात उपयोग या ‘ऑफ लेबल’ उपयोग के लिए टोसिलीजुमाब दवा दी जा सकती है।