आत्मनिर्भर भारत, दिव्यांगता में आयुष को बढ़ावा देना मसौदा नीति की हैं अहम बातें

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 13, 2022

नयी दिल्ली|  दिव्यांगता क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देना, समय पर सूचना प्रदान करने के लिए गतिशील ‘डाटाबेस’ तैयार करना, इस क्षेत्र के लिए आयुष अनुसंधान एवं देखभाल की सहभागिता राष्ट्रीय दिव्यांगजन नीति के मसौदे की अहम बातें हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग ने इस मसौदा नीति पर संबंधित पक्षों से नौ जुलाई तक टिप्पणियां मंगायी हैं।

मसौदे में कहा गया, ‘‘ स्थानीय स्तर पर कच्चे माल की खरीद के जरिए महंगे कृत्रिम अंगों के पूर्ण स्वदेशीकरण का प्रयास किया जाएगा...। ’’

इस नीति का लक्ष्य उन्नत उपकरणों की मदद से आर्टिफिशियल लिम्ब्स मैनुफैक्चरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एएलआईएमसीओ) का आधुनिकीकरण करना है। मसौदा नीति में कहा गया है कि इससे न केवल उसकी उत्पादन क्षमता बढ़ेगी बल्कि वह बेहतर गुणवत्ता के अन्य कृत्रिम अंग भी बना पायेगी और ऐसे में आयात की जरूरत खत्म हो जाएगी।

मसौदे में यह भी कहा गया है कि यह सुनिश्चित करने के लिए लक्षित मिशन शुरू किए जाने चाहिए कि दिव्यांग जनों को आसान एवं सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।

उसने कहा, ‘‘ राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम में दिव्यांगता एक अहम अवयव होना चाहिए तथा ‘पीएचसी’, ‘सीएचसी’ वस्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों को मजबूत किया जाना चाहिए ताकि उपजिला, प्रखंड एवं ग्राम स्तर पर ये स्वास्थ्य संगठन दिव्यांग जनों की स्वास्थ्य एवं पुनर्वास जरूरतों को पूरा कर सकें।’’

उसमें यह भी कहा गया है कि एबीबीएस और अन्य चिकित्सा पाठ्यक्रमों में दिव्यांगता पर एक पाठ्यक्रम होना चाहिए जिसे पुनर्वास पेशेवरों एवं दिव्यांगों के साथ परामर्श के साथ विकसित किया जा सकता है।

उसमें गतिशील ‘डाटाबेस’ पर भी जोर दिया गया है जो समय पर सूचना प्रदान कर सके।

प्रमुख खबरें

सांसदों को अनुकरणीय आचरण का प्रदर्शन करना चाहिए : धनखड़

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में जंगल की आग से बारूदी सुरंग में विस्फोट

अजित पवार एक दिन मुख्यमंत्री बनेंगे : फडणवीस

गंगानगर में ‘हिस्ट्रीशीटर’ की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या: पुलिस