By प्रणव तिवारी | Jul 20, 2021
गोरखपुर। जनपद में बागवानी कृषि एवं गन्ना विकास की प्रबल संभावनाओं को लेकर जिलाधिकारी सभागार में जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन की अध्यक्षता में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक हुई। जिलाधिकारी ने कहा कि बागवानी कृषि एवं गन्ना विकास की फसलों के क्षेत्र विस्तार के साथ ही गुणवत्ता युक्त उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के तकनीकों का अंगीकार किया जाए। ताकि आधुनिक तकनीकों के सहयोग से किसान की आय में वृद्धि हो सके। किसानों की आय आगामी वर्षों में दोगुनी करने में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का वर्गीकरण सहायक सिद्ध हो सकता है। इस विधा को प्लानवार जहां भूजल का संचयन कर सकेगा।
वहीं दूसरी तरफ से पौधों की सिंचाई पर उपयोग होने वाली जल मात्रा का सदुपयोग कर गुणवत्ता युक्त उत्पादन एवं उत्पादकता निवृत्ति कर सकते हैं और लागत में कमी लाकर कृषक अपनी उपज से अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। लाभार्थी कृषक यदि अपनी फसल की सिंचाई सुगम तकनीकी संयंत्रों को अपनाकर करते हैं तो लागत में कमी लाकर आय में वृद्धि की जा सकती है और प्रदेश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
वित्तीय वर्ष 2021- 22 के लिए ड्रिप इरिगेशन सिस्टम हेतु 982 हेक्टेयर एवं स्प्रिंकलर सिस्टम स्थापना हेतु 1146 हेक्टेयर भौतिक निर्धारित है। जिसके सापेक्ष कृषकों का चयन कर उनका पंजीकरण कराया जा रहा है तथा डीबीटी के माध्यम से अनुदान राशि का भुगतान किया जा रहा है। इस योजना अंतर्गत मंडल के जनपदों हेतु लघु सीमांत कृषकों को लागत का 90% अनुदान तथा सामान्य को 80% अनुदान देय है। बैठक में सीडीओ इंद्रजीत सिंह , ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सुमित महाजन , जिला कृषि अधिकारी अरविंद चौधरी, कृषि वैज्ञानिक संजय यादव सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।