By अनन्या मिश्रा | Dec 12, 2024
आज ही के दिन यानी की 12 दिसंबर को भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी के नेता रहे गोपीनाथ मुंडे का जन्म हुआ था। गोपीनाथ मुंडे ने असाधारण राजनीतिक कॅरियर और सतत विकास लक्ष्यों के प्रति अथक प्रयास किए और भारतीय राजनीत पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। मुंडे ने अपने असाधारण राजनीतिक सफर में समावेशी विकास और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने पर फोकस किया। वह एक दूरदर्शी नेता थे। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर गोपीनाथ मुंडे के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और शिक्षा
महाराष्ट्र के परली में 12 दिसंबर 1949 को गोपीनाथ मुंडे का जन्म हुआ था। इनके शुरूआती जीवन और परवरिश ने मुंडे के राजनीतिक करियर को आकार देने में अहम भूमिका निभाई। वह एक साधारण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते थे। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही मुंडे को राजनीति में रुचि जागी और वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और जनसंघ की विचारधारओं से प्रेरित थे। उन्होंने छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की। वहीं गोपीनाथ मुंडे की असाधारण वक्तृत्व कला और जन कल्याण के प्रति अटूट समर्पण ने उनको जल्द ही पहचान दिलाई।
राजनीतिक सफर
साल 1971 में गोपीनाथ मुंडे ने भाजपा की पूर्ववर्ती पार्टी जनसंघ में शामिल हो गए और आधिकारिक तौर पर राजनीति में प्रवेश किया। वह जमीनी स्तर की राजनीति में प्रवेश किया। वह जमीनी स्तर की राजनीति को सक्रिय करने में शामिल रहे। उन्होंने पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर काम किया और पार्टी की विचारधारा के लिए समर्थन जुटाने का कार्य किया।
गोपीनाथ मुंडे योजना
गोपीनाथ मुंडे योजना सरकार द्वारा सतत विकास को बढ़ावा देने, समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के सामने आने वाली सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का समाधान करना और ग्रामीण समुदायों के उत्थान करने के लिए शुरू की गई एक प्रमुख पहल है। स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे के सम्मान में नामित इस योजना का उद्देश्य समावेशी विकास और सभी वर्ग के कल्याण के दृष्टिकोण को जारी रखना है। इस योजना में विभिन्न क्षेत्रों में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और पहल शामिल है। यह योजना स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि, ग्रामीण विकास, बुनियादी ढांचे और महिला सशक्तिकरण जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करती है।
बता दें कि गोपीनाथ मुंडे ने प्रमोद महाजन के साथ अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। वह साल 1980 से 1985 और 1990 से 2009 के दौरान महाराष्ट्र विधानसभा के पांच सत्र सदस्य थे। साल 2009 और 2014 में गोपीनाथ मुंडे लोकसभा के लिए चुने गए थे। वह भारतीय इतिहास में सबसे कम समय के लिए कैबिनेय मंत्री थे। उनके परिवार से कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी। वहीं देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए आपातकाल की अवधि में जेल में डाल दिया गया था। साल 2014 में केंद्र सरकार में कैबिनेट रहे गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र में बीजेपी के सबसे कद्दावर नेता माने जाते थे।
मृत्यु
वहीं कैबिनेट मंत्री बनने के महज 9 दिन बाद 03 जून 2014 को गोपीनाथ मुंडे का सड़क हादसे में निधन हो गया था।