By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 07, 2017
पणजी। गोवा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीएसपीसीबी) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि खुले में शौच की वजह से मल पदार्थों की उच्च मात्रा तटीय राज्य में नदी प्रदूषण की एक अहम वजह है। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब हाल ही में प्रदेश की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने ऐलान किया था कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर दो अक्टूबर 2019 तक गोवा को खुले में शौच मुक्त बना दिया जायेगा।
रिपोर्ट में कहा गया कि बोर्ड ने राष्ट्रीय जल गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम (एनडब्लूएमपी) के तहत अप्रैल 2016 से मार्च 2017 के बीच राज्य में 52 जल निकायों पर नजर रखी। इस दौरान विशेषज्ञों ने तिराकोल, चापोरा, कालना, महादेई, वल्वांति, बिचोलिम, अस्सनोरा, सिनक्वेरिम, खांडेपार, मांडोवी, मापुसा, जुआरी, साल, तालपोना और कुशावती नदियों से पानी के नमूने लेकर उनका विश्लेषण किया। इसमें कहा गया, ‘‘इन सभी जल निकायों से कुल 565 नमूने लिये गये और साल भर के दौरान इनका विश्लेषण किया गया इसमें से 489 नमूनों का विश्लेषण 27 मानकों पर किया गया जबकि 24 नमूनों को 4 मानकों पर परखा गया जबकि 76 नमूनों को सूक्ष्म प्रदूषकों के आधार पर परखा गया’’