दार्जीलिंग। दार्जीलिंग में अनिश्चितकालीन बंद के दूसरे दिन गोरखालैंड समर्थकों को कई सरकारी कार्यालयों में बंद आहूत किए जाने से रोका गया जिसके बाद उन्होंने कई इलाकों में पुलिस पर पथराव किया। सरकारी और गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन जीटीएी कार्यालयों के सामने तथा हिल्स के कई प्रवेश और बाहरी मार्गों पर पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए हैं जबकि त्वरित कार्रवाई बल और बड़ी संख्या में महिला पुलिसकमर्यिों को भी तैनात किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के समर्थकों को सरकारी कार्यालयों में बंद आहूत किए जाने से रोके जाने पर उन्होंने दार्जीलिंग के कई हिस्सों में पुलिसकमर्यिों पर पथराव किया। हमारे खदेड़ने पर वे भाग गए। सुबह करीब 10 बजे बड़ी संख्या में जीजेएम समर्थक, लोगों को काम पर जाने से रोकने के लिए राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए और अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर चौकबाजार इलाके में विभिन्न सरकारी कार्यालयों की ओर बढ़ने लगे। उन्होंने बताया कि पुलिस ने जब उन्हें रोका तो जीजेएम समर्थक हिंसक हो गए और उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ दिया। दार्जीलिंग में सरकार द्वारा स्थापित तीन सदस्यीय समिति के सदस्य जावेद शमीम, सिद्धान्त गुप्ता जैसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हिल्स के विभिन्न हिस्सों में बड़े पुलिस दलों के साथ देखे गए। पथराव होने पर दुकानदारों ने दुकानों के शटर गिरा दिए।बहरहाल, जीजेएम नेतृत्व ने पुलिस पर जीजेएम रैली पर बिना उकसावे के लाठीचार्ज करने का आरोप लगाया।
जीजेएम महासचिव रोशन गिरी ने कहा, पुलिस ने शांतिपूर्ण रैली पर बिना उकसावे के लाठीचार्ज किया। जितना अधिक वे हमारे खिलाफ बल का इस्तेमाल करेंगे उतनी ज्यादा अलग गोरखालैंड के लिए संघर्ष तेज होगा। सरकारी कार्यालयों में अनुपस्थिति सामान्य रही। हालांकि दार्जीलिंग हिल्स में 12 जून से शुरू सरकारी और जीटीए कार्यालयों में जीजेएम के अनिश्चितकालीन बंद के दौरान कुछ छिटपुट घटनाएं भी दर्ज की गई। इस बीच जीजेएम प्रमुख बिमल गुरूंग ने आज कहा कि वह लगातार केंद्र के संपर्क में है और उसे उम्मीद है कि उसकी सहयोगी भाजपा सहानुभूतिपूर्वके अलग गोरखालैंड की उसकी मांग पर विचार करेगी। गुरूंग ने कहा, मैं केंद्र सरकार और विभिन्न मंत्रियों के लगातार संपर्क में हूं। मुझे उम्मीद है कि वे हमारा दर्द और संघर्ष समझेंगे तथा अलग गोरखालैंड राज्य की हमारी मांग पर विचार करेंगे। केंद्र में सरकार हमारी सहयोगी है और वे निश्चित तौर पर हमारी मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। जीजेएम प्रमुख ने दार्जीलिंग में स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए सेना बुलाने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की। उन्होंने बनर्जी को सलाह दी कि वह इससे दूर रहे क्योंकि दार्जीलिंग के लोग अपनी रक्षा करने में सक्षम है।